Published: 24 जनवरी 2019
भारत में 5 सुंदर आध्यात्मिक स्थल सोने के बने हुए हैं
वास्तुकला में सोने का उपयोग इसकी सौंदर्यात्मक अपील के साथ-साथ तापमान को नियंत्रित करने के इसके गुणों के लिए किया जाता है। चमचमाती इमारतों और कंक्रीट की दुनिया में, एक सुनहरी प्रतिमा या ढांचा आंखों को सुकून पहुंचा सकते हैं। सदियों से भारतीय इंटिरियर्स और खाद्य पदार्थों में सोने की परत का इस्तेमाल किया जाता रहा है, और यहां हम आपके लिए पांच सुंदर मंदिर लेकर आए हैं, जिनमें सोना लगा हुआ है।
स्मारक | शहर |
स्वर्ण मंदिर | अमृतसर |
पद्मनाभास्वामी मंदिर | तिरुवनंतपुरम |
स्वर्ण मंदिर | श्रीपुरम |
काशी विश्वनाथ मंदिर | वाराणसी |
वेंकटेश्वर मंदिर | तिरुमाला |
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स्वर्ण मंदिर, अमृतसर
इस मंदिर पर 24-कैरेट सोने के पेंट की 24 परतें देश के विभिन्न हिस्सों के शिल्पियों द्वारा चढ़ाई गई हैं।
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पद्मनाभास्वामी मंदिर, तिरुवनंतपुरम
इसमें सोने से ढके हुए 28 ग्रेनाइट स्तंभ हैं, जिन पर टैप किए जाने पर चारों कोनों में संगीत गूंजता है। इसके भूमिगत तहखानों में 22 बिलियन डॉलर का सोना और खजाना है!
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स्वर्ण मंदिर, श्रीपुरम
इसमें 1500 किलोग्राम शुद्ध सोने का पानी चढ़ा हुआ है, इसमें अंदरूनी हिस्सों में विशेषज्ञ शिल्पियों का बहुत जटिल काम इसकी खासियत है। प्रत्येक तांबे की परत में सोने के पानी की 10 परतें होती हैं, जिन्हें हाथों से सोने की सलाखों से बनाया जाता था।
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काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
इस प्रसिद्ध शिव मंदिर में शुद्ध सोने से बने हुए तीन गुंबद हैं और मूर्ति के ऊपर 155 मीटर लंबी सोने की मीनार है।
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वेंकटेश्वर मंदिर, तिरुमाला
गर्भगृह तक जाने वाला सुनहरा प्रवेश द्वार लकड़ी के दरवाजों से बना है और उन पर सोने की प्लेटों पर विष्णु के दस अवतार चित्रित हैं। मुख्य गोपुरम में शीर्ष पर एक सुनहरा फूलदान भी है।
24 कैरेट सोने को शुद्ध सोना या 100 प्रतिशत सोना भी कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि सोने में सभी 24 भाग शुद्ध सोने के हैं, उनमें किसी भी अन्य धातु का अंश भी नहीं है।