Published: 11 सितंबर 2019
मुंबई में सोने से सजी हुई हैं सुंदर गणपति की मूर्तियां
गणपति के 10 दिन हर महाराष्ट्रीयन के लिए उत्सव के दिन होते हैं! साल का कोई भी अन्य समय इतना खुशी देने वाला, खुशनुमा और शुभ-शुभ नहीं बीतता, जितना कि हमारे पसंदीदा ईश्वर की उपस्थिति वाला यह उत्सव बीतता है। हम गणपति के अन्य भक्तों के साथ दिन-रात नाचते हैं, गाते हैं और अपने नजदीकी और प्रिय लोगों की कंपनी का आनंद उठाते हैं।
सबसे शुभ धातु सोना उत्सव में सकारात्मक सुवर्ण को जोड़ देता है — हमारी पहनी हुई साड़ी, घर में सजे हुए गणपति, और शहर-भर के लगे हुए शानदार पंडालों में प्राण फूंक देता है, इस सब पर आपको विश्वास करना होगा!
पवित्र खुशी का अनुभव करने के लिए मुंबई के आसपास सबसे अच्छे स्थान हैं, जहां गणपति और सोने के शुभ संयोग घटित होते हैं।
जीएसबी सेवा मंडल
श्री गुरु गणेश प्रसाद, भूकेलाश नगर, 400022
गणपति बप्पा मोरया! मंगल मूर्ति मोरया! जीएसबी सेवा गणेश पंडाल "मंगल" में क्या मूर्ति बनती है? इस मूर्ति को 68 किलोग्राम सोने के आभूषणों से सजाया जाता है! हर मुंबइया को शहर के सबसे अमीर गणपति के बारे में पता है — इस साल, मूर्ति की 266 करोड़ रुपये का बीमा होने की सूचना है, और इस त्योहार के मौसम में 70,000 से ज्यादा पूजाएं होने की उम्मीद है! यह एक ऐसा दृश्य है, जिस पर आपको विश्वास करना होगा!
आभार - जीएसबी सेवामंडल
फोर्टचाइच्छापूर्ति गणेश
इच्छा पूर्ति गणेश चौक, 400001
फोर्टचाइच्छापूर्ति में गणेश पंडाल को अभी 64 वर्ष हो गए हैं। आज, इस पंडाल में — कंबोडिया से लेकर रोम से लेकर जापान तक — दुनिया-भर से मूर्तियां यहां हैं, और इसके पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होने का दावा किया जाता है।
यहाँ, बप्पा के सिर पर एक राजसी सोने का मुकुट सजा हुआ है, जो उनके सनातन ज्ञान और शक्ति का का उत्सव है। चूँकि सोना हिंदुओं के लिए शुभ है, इसलिए इसे त्योहारों पर देवताओं को चढ़ाया जाता है। और महाराष्ट्र का सबसे प्रसिद्ध त्योहार — गणपति — तो सोने के आभूषण के बिना अधूरा ही है। आपकी आत्माओं को मार्ग दिखाने वाली एक रौशनी!
गिरगामचा राजा
निकादवारी लेन, कोटचीवाड़ी, अम्बेवाड़ी, गिरगाँव, 400004
विजय और दिव्यता का प्रतीक सोना, गिरगामचा राजा पंडाल में 22 फुट की गणेश प्रतिमा को सुशोभित करता है। गणेश के शरीर के प्रत्येक अंग का अलग-अलग महत्व है और वे सोने से सजे हैं; उनके दो दांत — एक टूटा हुआ, उनके चार हाथ, और उनका बड़ा पेट, सभी ज्ञान और आत्म-सजगत के प्रतीक हैं, जिसके लिए हम सभी प्रयासरत रहते हैं।
खेतवाडि़चा राजा
खेतवाड़ी लेन नंबर 12, 400004
मुंबई के कुंभमेला के रूप में प्रसिद्ध खेतवाड़ी की 13 लेनें गणपति उत्सव के दौरान रंग और ऊर्जा का उत्सव ही हैं! 1959 से, यहां 21-सिर वाले गणपति, सांप पर बैठे बप्पा, और भी एक से बढ़कर एक खजाने देखने को मिले हैं। इस वर्ष का मुख्य आकर्षण 12वीं लेन में है — खेतवाडि़चा राजा पंडाल — जहाँ 24 फीट ऊंचा गणपति अपनी भव्यता के साथ आप सबसे ऊपर विराजमान है। गणेश का वाहन उनकी बगल में बैठा है — सोने का मूशक (चूहा)। यहां तक कि भगवान के हाथ की रस्सी भी सोने से बनी है।
सिर्फ बप्पा के लिए आभूषण!
हम सभी ऐसे लोगों को जानते होते हैं, जो अपने गणपति या घर को सजाने के लिए, या अपनी पसंद के मंदिर में दान के लिए बहुत सारे सोने के आभूषण खरीदते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जौहरियों के पास विशेष क्यूरेट संग्रह भी होते हैं।
पी.एन. गाडगिल एंड संस के पास घर पर अपने गणेश को सजाने के लिए सोने के आभूषणों का ढेर है। सोने के मुकुट, कान के बुंदे, हार, मोदक, मूशक और बहुत कुछ, जो आपके गणेश को कालातीत बड़ा बना सकते हैं।
प्रसिद्ध जौहरी वामन हरि पेठे ने भी भगवान गणेश की अपनी मूर्ति को सोने के भव्य आभूषणों से सजाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त की, जैसा कि नीचे तस्वीर में दिखाया गया है। सोने का मुकुट और जगमग करता सोने का हार पूरी तरह से हमारे प्यारे भगवान की मूर्ति पर दूर से ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
साभार- वामनहरिपेठे ज्वेलर्स
बप्पा घर आते हैं!
गणपति हमारे श्रेष्ठतम विरासत और अपनी धन-संपदा, और हमारी सबसे अच्छी परिधानों को बाहर निकालने का समय होता है। महिलाओं को अपने दाहिने हाथों में परंपरागत सोने की वंकी (हाथ की पट्टी) पहने देखा जा सकता है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी एक के बाद दूसरी पीढ़ी को दिए गए सोने के हार और झुमके पारंपरिक साड़ियों के साथ पहने जाते हैं और यहां तक कि उन लोगों के लिए उत्सव की चमक को और उज्ज्वल कर सकते हैं, जिनके पास स्टाइल की अधिक मौजू सेंस होती है।
गणपति फूलों की सजावट से लेकर, घर में बने मोदकों (लड्डू) से लेकर, नाशिकढोल को बजाने तक शुद्ध सद्भाव, सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य के 10 दिन लाते हैं! और कोई भी भारतीय उत्सव सोने के बिना पूरा नहीं होता, मंगलसूवर्ण, जो खूबसूरत लम्हे और यादें दे जाता है।