Published: 11 अगस्त 2017

सोने के घोटालों के बारे में आवश्यक जानकारी

भारतीयों के लिये स्वर्ण एक प्रकार की संवेदनशील खरीददारी होती है, यह वह धातु है जिसे हम सुरक्षा के रुप में लेते हैं। गोल्ड ईटीएफ में धोखाधडी से बचने की व्यवस्था निहित होती है। बहरहाल, रिटेल बाज़ार से स्वर्ण खरीदते समय प्रत्येक व्यक्ति द्वारा सावधानी बरती जानी चाहिये। यदि आप स्वर्ण खरीदने के बारे में विचार कर रहे हैं, तब ये कुछ स्वर्ण संबंधी घोटाले हैं जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिये।

 
  1. रेलिक घोटाला

    इस घोटाले में धोखेबाज नकली सोना बेचते हैं। इस प्रकार के एक मामले में धोखेबाजों द्वारा स्वयं को राजस्थान के खेतिहर मजदूर के रुप में प्रस्तुत किया और यह बताया कि उन्हे कुछ गोल्ड बार मिले हैं और उन्होंने जिस व्यक्ति को धोखा दिया, उससे निवेदन किया, कि वे बाजार से कम मूल्य में उनसे यह गोल्ड बार ले। यह सौदा बड़ी आसानी से हो गया। लेकिन इस बिक्री के बाद जब पीडित ने इसकी सचाई जाननी चाही, तब उन्हे पता चला कि यह सोना नकली था और उन्होंने बड़े अधिकारियों को इस धोखाधड़ी के बारे में बताया।

  2. बेट न स्विच

    स्वर्ण बाजार में यह धोखाधडी की तकनीक आम है। एक स्वर्ण कंपनी आपके पास बड़ी आकर्षक डील लेकर आती है। वे एक बार आपका विश्वास प्राप्त कर लें, उसके बाद वे किसी ब्रोकर या तृतीय पक्ष का आपसे परिचय करवाती है जो तुरंत आपका ध्यान दूसरे उत्पाद की ओर ले जाता है जो आपकी जरुरतों के लिये बेहतर हैं। उदाहरण के लिये, स्वर्ण के सिक्कों का विशेष संस्करण। आप यह सोचते हैं कि कंपनी विश्वसनीय है और इस तरीके से ब्रोकर भी विश्वसनीय हो सकता है, आप उनकी बातों में आ जाते हैं। उदाहरण के लिये, ऎतिहासिक सजावटी वस्तुएं – अनेक व्यक्ति इस धोखाधडी का शिकार हो चुके हैं जिसमें उन्हे विक्रेता द्वारा प्राचीन स्वर्ण के सिक्के बेच दिये जाते हैं। जब बिक्री से पहले आपको सिक्के या सजावटी वस्तुओं की जांच कर ले ने की चुनौती दी जाती है लेकिन वास्तव में जब बिक्री होती है, तब ग्राहक पाता है कि जो सिक्के/ सजावटी वस्तुएं उन्होंने खरीदी है, वे नकली हैं।

  3. संग्रहणीय स्वर्ण के सिक्कों में निवेश

    अपने संग्रह के लिये स्वर्ण के सिक्के खरीदते समय आपको विचित्र और अलग दिखाई देने वाले, नए डिजाईन के, आकार और प्रकार के सिक्के बेहतर लग सकते हैं जिन्हे कुछ कलाकार विशेष रुप से बनाते हैं। इस प्रकार का निवेश/खरीद कई बार धोखे की घन्टी हो सकती है क्योंकि यदि आप सोने के सिक्कों के बारे में जानकारी नही रखते हैं, तब आप विचित्र, प्राचीन सिक्के और अशुद्ध और नकली सिक्कों के बीच बड़ी मुश्किल से अन्तर कर पाएंगे। हो सकता है कि आप कोई नकली सिक्का खरीद ले जो आपके अनुसार काफी मूल्यवान है और आपने उसके वास्तविक मूल्य से दस गुना मूल्य देकर उसे खरीद लिया हो। इस प्रकार की खरीदी के दौरान हमेशा किसी जानकार की सलाह ले लेना बेहतर होता है।

  4. आंशिक डिलेवरी घोटाला

    यह घोटाला मुख्य रुप से तब होता है जब आप किसी अनजान साईट से ऑनलाईन सोना खरीदते हैं। आंशिक डिलेवरी घोटाला दो स्थितियों में हो सकता है:

    • खरीददार द्वारा सोने को खरीदने के लिये आंशिक भुगतान कर दिया जाता है लेकिन उन्हे वह कभी भी नही मिलता है।
    • खरीददार द्वारा एक सुनिश्चित रकम का भुगतान कर दिया जाता है और उन्हे पूरी खरीद का एक छोटा भाग भेजा जाता है। एक बार ग्राहक सोने की गुणवत्ता को लेकर आश्वस्त हो जाता है, तब वे पूरा भुगतान कर देते हैं, परंतु उन्हे आगे कुछ भी नही मिलता है अथवा जो मिलता है, वह नकली होता है।

    इस प्रकार की धोखाधडी से बचने का सबसे आसान तरीका है कि ऑर्डर करने से पहले कंपनी की पूरी जांच कर ली जाए। कस्टमर केयर पर कॉल करें और ऑनलाईन ऑफिस का पता जांच लें। इसके साथ ही इस प्रकार की खरीद में ऑनलाईन भुगतान के स्थान पर कैश ऑन डिलिवरी को प्राथमिकता दें।

  5. खदान के मालिक

    यह काफी सामान्य प्रकार की घोटाले की तकनीक है। खरीददार को कोई मेल मिलता है जिसे भेजने वाला किसी खान का मालिक होता है या फिर कई बार अफ्रीका के किसी राजघराने का सदस्य होता है। वे खरीददारों को बताते हैं कि उन्हे बडी मात्रा में सोना काफी कम दर पर बेचना है और फिर वे खरीददार से केवल शिपिंग की लागत उठाने को कहते हैं। चूंकि इस प्रकार के धोखेबाज खरीददार को काफी बड़ी मात्रा में सोने का लालच देते हैं, उनकी शिपिंग की लागत भी काफी होती है। यदि खरीददार द्वारा इस लागत का भुगतान कर दिया जाता है, तब यह संभावना होती है कि उनकी ओर से आगे कोई संपर्क नही किया जाए।

  6. विशेष मूल्य का घोटाला

    यदि आपको किसी वेबसाईट पर सोने के विशेष मूल्य का कोई ऑफर मिलता है, तब अचानक आए इस अवसर का लाभ उठा लेने के लिये उतावले न हो, पहले इस बारे में जानकारी निकालें। यह वेबसाईट विश्वसनीय दिखाई दे सकती है और यह ऑफर भी बड़ा अच्चा हो सकता है, लेकिन इनमें से कई वेबसाईट्स शिपिंग के नाम पर अविश्वसनीय शुल्क वसूलते हैं जो कि खरीददार को खरीदी की जांच करने का मौका भी नही देती। चूंकि सभी ऑनलाईन प्रकार की खरीद में शिपिंग की लागत शामिल होती है, क्या इसके कारण भी आप जान नही पाते? कई बार यह भी होता है कि जो शिपिंग लागत ली जाती है, वह वास्तविक सोने की कीमत की दुगुनी होती है। इसके साथ ही यह खरीददार से छुपाकर रखी जाती है। इन वेबसाइट्स पर काफी छोटे अक्षरों में यह लिखा जाता है कि स्वर्ण की मात्रा के अनुसार शिपिंग की लागत में वृद्धि होगी। चूंकि इस बारे में जानकारी दी गई होती है, इसलिये खरीददार को अपना सौदा पूरा करने के बाद पता चलता है कि उनसे काफी ज्यादा शुल्क लिया गया है। इससे बचने के लिये, यह सुनिश्चित करें कि आप सभी बारीक प्रिन्ट आदि को भी बेहतर तरीके से पढ़ें और जांचे कि वास्तव में चेक आउट करते समय आपको कितनी रकम देनी होगी।

  7. कीमत सुरक्षा योजना

    विक्रेता खरीददार को यह आश्वासन देते हैं कि जब भी सोने के दाम गिरेंगे, वे इस कीमत सुरक्षा योजना के अन्तर्गत सोना खरीद सकेंगे। यह योजना लगभग 4-7 दिनों के लिये वैध होती है। यह डील सुनने में बड़ी अच्छी लगती है! कम कीमत पर सोना किसे नही चाहिये? लेकिन इसमें भी एक पेंच होता है जिसके बारे में विक्रेता आपको नही बताते। कीमत सुरक्षा योजना केवल दुर्लभ और मूल्यवान सिक्कों पर होती है जो कि पहले से ही बहुत अधिक मूल्य के होते हैं और ये बुलियन सिक्के नही होए। अन्त में खरीददार द्वारा कीमत सुरक्षा योजना के नाम पर बहुत अधिक भुगतान कर देते हैं जो कि वास्तव में उनकी खरीद पर लागू भी नही होती है।

राहत की बात है कि कुछ तरीके हैं जिनकी मदद से इस प्रकार की धोखाधडी से बचना संभव है.

  • केवल विश्वसनीय डीलर्स से ही सोना खरीदें
  • यदि आप आभूषण खरीद रहे हैं, तब यह सुनिश्चित करें कि वे हॉलमार्क किये गए हैं और उनपर हॉलमार्क के चार चिन्ह मौजूद है
  • यदि आप सिक्के खरीद रहे हैं, तब यह सुनिश्चित करें कि सिक्के अधिकृत संस्थानों में ढाले गए हैं, और इनकी पैकिंग बेहतर है, इनमें से एक सिक्का होता है भारतीय स्वर्ण सिक्का, जिसमें नकल से बचाव की विशेषता और पुन: खरीद की गारंटी दी जाती है।
Sources:
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