Published: 31 अगस्त 2017

स्वर्ण के मूल्य को प्रभावित करने वाले घटक

स्वर्ण के मूल्य को प्रभावित करने वाले अनेक घटक है. इनमे ब्याज दर, भू-राजनैतिक तनाव, मुद्रा की चाल, मुद्रास्फीति, तरलता, आदि सम्मिलित हैं. इनमे से तीन उस श्रेणी में आते हैं जो स्वर्ण के मूल्य को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं.


आर्थिक आंकड़े

अधिकांशतः संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से उत्पन्न आर्थिक आंकड़ों का मूल्यों पर स्वाभाविक प्रभाव होता है. उदाहरण के लिए, आवासन संबंधी आंकड़े, रोजगार के आंकड़े, और मुद्रास्फीति बड़े घटक हैं जिनसे मूल्यों पर अल्पकालिक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए, अगर रोजगार की धीमी वृद्धि, बेरोजगारी में वृद्धि, विनिर्माण में गिरावट, और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अपेक्षा से कम वृद्धि की स्थिति हो, तो इसका नतीज़ा केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर में कटौती के रूप में सामने आ सकता है और इससे स्वर्ण का मूल्य ऊपर चढ़ जाएगा. इसलिए, आर्थिक आंकड़ों पर गौर करना ज़रूरी है, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका के सन्दर्भ में. मूल्यों पर सरकारी चुंगी और शुल्कों का भी असर हो सकता है, हालांकि इनमे बार-बार बदलाव नहीं हुआ करता है.


मांग एवं आपूर्ति

मूल्यों में गिरावट या बढ़ोतरी के लिए यह एक ऐसा कारण है जिसे अक्सर नज़रंदाज़ कर दिया जाता है, लेकिन इसमें स्वर्ण मूल्यों में आकस्मिक उतार-चढ़ाव करने की क्षमता नहीं होती. तथापि, आर्थिक आंकड़ों के विपरीत, मांग एवं आपूर्ति के चलते मूल्य में अंतर हो सकता है जिसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर उत्खनन कम हो और आपूर्ति बाधित हो, तो मूल्यों में सुधार हो सकता है. दूसरी ओर, अगर मांग अचानक घट जाय और आपूर्ति बढ़ जाए, तो स्वर्ण के मूल्यों में तेजी से अंतर पैदा हो सकता है. पूरे विश्व में केन्द्रीय बैंकों द्वारा अकस्मात् स्वर्ण की खरीद बढ़ने से भी स्वर्ण के मूल्यों में सुधार हो सकता है. हालांकि इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में अनेक स्वर्ण विपत्र उपलब्ध हैं, तो भी लोग अभी भी भौतिक रूप में स्वर्ण को प्राथमिकता देते हैं, जिससे मांग बढ़ जाती है.


स्वर्ण ईटीएफ (विनिमय कारोबारी निधि) की मांग

स्वर्ण ईटीएफ से भी स्वर्ण का मूल्य प्रभावित होता है. स्वर्ण ईटीएफ में जितनी ज्यादा लिक्विडिटी होगी, उतनी ही उनके खरीद में वृद्धि हो सकती है, और ऐसा होने से स्वर्ण का भाव बढ़ जाता है, भले ही यह भौतिक स्वर्ण हो या ईटीएफ के रूप में हो. हाल में, कुछ बड़े स्वर्ण ईटीएफ में भारी लिक्विडिटी के फलस्वरूप स्वर्ण की मांग में तेजी देखी गयी है.

स्वर्ण का मूल्य कभी केवल एक घटक से प्रभावित होता है तो कभी एक साथ अनेक घटकों का प्रभाव होता है और इस तरह स्वर्ण के मूल्य का पूर्वानुमान करना हमेशा ही कठिन होता है. स्वर्ण का प्रमुख फायदा यह है कि इसकी दर इक्विटी के विपरीत अपेक्षाकृत ज्यादा स्थिर रह सकता है, जबकि इक्विटी अत्यंत अस्थिर होती है. इससे स्वर्ण में निवेशकों का भरोसा बढ़ता है क्योंकि स्वर्ण के मूल्य में अचानक से भारी उतार-चढ़ाव नहीं होता है.