Published: 14 जुलाई 2017
अपने भविष्य को मंहगाई से बचाने के लिए सोने में निवेश करें
निवेश अपने पैसों को मूल्य वृद्धि और धन निर्माण और सुरक्षा के लिए विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में वितरित करने का विज्ञान और कला है। विवाह, पहले और दूसरे घर की खरीद, बच्चों की शिक्षा आदि जैसे खर्चों के लिए प्रावधान करने के अलावा, आपका निवेश सेवानिवृत्ति के बाद आपकी आय का एकमात्र स्रोत होगा। हर निवेश दो प्रकार के प्रतिलाभ देगा- कम और वास्तविक।
एक 10 लाख रु. मूल्य की 10% की एफडी 1 लाख रु. प्रतिवर्ष का मामूली रिटर्न्स देगी। हालाँकि, इस निवेश का असली रिटर्न आपकी खरीदने की क्षमता की वास्तविक वृद्धि पर निर्भर करेगा। मंहगाई या अर्थव्यवस्था में 8% की दर से मूल्य वृद्धि होने पर, एफडी से वास्तविक रिटर्न मात्र रु. 20,000 अर्थात् 2% होगा। अगर टैक्सेशन के साथ जोड़ा जाए तो आपके निश्चित-आय निवेश शून्य या यहाँ तक कि नकारात्मक वास्तविक रिटर्न भी पैदा कर सकते हैं।
दीर्घावधि निवेशों को मंहगाई से बचाना
जहाँ इक्विटी या अचल संपत्ति में निवेश जैसे जोखिम भरे विकल्प मंहगाई को पीछे छोड़ सकते हैं, वहीँ कम जोखिम वाले निवेश जैसे बांड्स, डिबेंचर्स, एफडीस, पीएफ खाते मंहगाई के दौर में बहुत ही खराब परिणाम देते हैं। चूँकि निश्चित-आय वाले उत्पाद केवल दीर्घावधि निवेश योजना के लिए उचित हैं, इसलिए ऐसे विकल्पों की पहचान करना आवश्यक है जो पूँजी की हानि के कम जोखिम के साथ आपको आकर्षक रिटर्न्स को अर्जित करने में सहायता करेंगे।
सोना मंहगाई के विरुद्ध एक ढाल है क्योंकि इसका मूल्य अंतर्निहित है। सिक्योरिटीज़ और वित्तीय साधन, कंपनी के प्रदर्शन या देश की अर्थव्यवस्था जैसे बाहरी कारणों से अपना मूल्य निश्चित करते हैं। पैसे की क्रय शक्ति में गिरावट के साथ शेयरों के मूल्यों में समकालीन वृद्धि शून्य धन निर्माण का परिणाम देगी। दूसरी ओर मंहगाई के कारण सोना, भूमि, तेल, और अन्य वस्तुओं या अचल संपत्तियों के मूल्य में गिरावट होने की संभावना कम होती है।
सोना - स्वतंत्र माँग और आपूर्ति
कोई ब्लू-चिप कंपनी नए शेयर जारी कर सकती है। सरकारें अधिक मुद्रित नोट्स छाप सकती हैं। पर सोने का निर्माण कोई भी ऐसे ही नहीं कर सकता है। सोना पृथ्वी से खनन कर प्राप्त की जाने वाली एक अनमोल धातु है और इसकी आपूर्ति सीमित है।
इसके अलावा, सोने की माँग भी आर्थिक मापदंडों पर निर्भर नहीं है। कुछ औद्योगिक उपयोगों के अलावा, सोने का उपयोग मुख्य रूप से आभूषणों और निवेश प्रयोजनों के लिए ही किया जाता है। जबकि मंहगाई उत्पादों और सेवाओं की माँग को आघात पहुँचा सकती है और फलस्वरूप इक्विटी और ऋण बाजारों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, वहीँ सोने की आपूर्ति के अनोखे पहलू इसे अपेक्षित रूप से मंहगाई के नकारात्मक प्रभावों के प्रति अप्रभावित बनाते हैं।
दीर्घावधि से मंहगाई के विरुद्ध बचाव (हेज)
यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि सोना मुख्य रूप से मंहगाई के विरुद्ध एक दीर्घावधि बचाव (हेज) है। यदि आप चाहते हें कि आपके सेवानिवृत्ति फंड का एक हिस्सा मंहगाई के प्रकोपों से सुरक्षित रहे, तो सोने में निवेश करना एक अच्छा कदम है। मंहगाई और ब्याज दर में बदलाव अल्पावधि में सोने के मूल्य में उतार चढ़ाव का कारण हो सकते हैं। हालाँकि, भारत में और दुनिया भर में पिछले 50-60 वर्षों में सोने का पिछला प्रदर्शन दर्शाता है कि जब पैसे की क्रय शक्ति में किसी प्रकार की कमी से निवेशों की रक्षा करने की बात आई है तो कोई भी अन्य संपत्ति इतनी प्रभावशाली नहीं हुई जितना कि सोना है।
आर्थिक परेशानियों के दौरान सुरक्षित ठिकाना
संख्याएँ एक तरफ, पर अपनी दीर्घावधि निवेश की रणनीति में सोने को शामिल करने के मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर विचार करना भी महत्वपूर्ण है। हज़ारों वर्षों में दुनिया ने कई प्रलयंकारी परिवर्तनों को देखा है। फिर भी, एक बात जो स्थिर बनी हुई है वह है सोने के साथ मानव जाति की आसक्ति।
जबकि सरकारें चूक सकती है और ब्लू-चिप कंपनियाँ दिवालिया हो सकती हैं, पर भविष्य में किसी भी समय सोने का अपनी कीमत को गवाँ देना संभव नहीं है। और यही बात सोने को बुरे वक्त में निवेशकों के लिए पसंदीदा सुरक्षित ठिकाना बनाती है। एक निवेश रणनीति जो सिर्फ इक्विटी और ऋण साधनों पर ही केंद्रित रहती है वो मंहगाई और मंदी के वर्षों के दौरान नकारात्मक वास्तविक रिटर्न्स उत्पन्न कर सकती है। धीमे और स्थिर ढंग से सोने की खरीददारी, यह सुनिश्चित करने में सहायता करेगी कि आपके निवेश पोर्टफोलियो को बहुत अधिक हानि न भुगतनी पड़े। सोने में निवेश आपको धन की आश्वस्त तरलता का आनंद लेने में आपकी सहायता करेगा, भले ही आप एक मंदी के माहौल में पैसा निवेश करना शुरू करें।
निष्कर्ष
सोने के निवेश पर ब्याज अर्जित करने के लिए गोल्ड मॉनेटाइज़ेशन जैसे नए विकल्पों का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, जमा खाते की अवधि के आधार पर ब्याज को सोने के रूप में या नकद के रूप में प्राप्त किया जा सकता है। एक आदर्श परिस्तिथि में, मंहगाई कोई समस्या नहीं होगी और केवल निवेश करते रहना ही धन पैदा करने के लिए पर्याप्त होगा। चूँकि सिर्फ कामना कर के मंहगाई को दूर नहीं किया जा सकता है, इसलिए अपने फंड के एक हिस्से का वास्तविक या डीमैट सोने में निवेश करना ही सबसे समझदार विकल्प होगा।
एक 10 लाख रु. मूल्य की 10% की एफडी 1 लाख रु. प्रतिवर्ष का मामूली रिटर्न्स देगी। हालाँकि, इस निवेश का असली रिटर्न आपकी खरीदने की क्षमता की वास्तविक वृद्धि पर निर्भर करेगा। मंहगाई या अर्थव्यवस्था में 8% की दर से मूल्य वृद्धि होने पर, एफडी से वास्तविक रिटर्न मात्र रु. 20,000 अर्थात् 2% होगा। अगर टैक्सेशन के साथ जोड़ा जाए तो आपके निश्चित-आय निवेश शून्य या यहाँ तक कि नकारात्मक वास्तविक रिटर्न भी पैदा कर सकते हैं।
दीर्घावधि निवेशों को मंहगाई से बचाना
जहाँ इक्विटी या अचल संपत्ति में निवेश जैसे जोखिम भरे विकल्प मंहगाई को पीछे छोड़ सकते हैं, वहीँ कम जोखिम वाले निवेश जैसे बांड्स, डिबेंचर्स, एफडीस, पीएफ खाते मंहगाई के दौर में बहुत ही खराब परिणाम देते हैं। चूँकि निश्चित-आय वाले उत्पाद केवल दीर्घावधि निवेश योजना के लिए उचित हैं, इसलिए ऐसे विकल्पों की पहचान करना आवश्यक है जो पूँजी की हानि के कम जोखिम के साथ आपको आकर्षक रिटर्न्स को अर्जित करने में सहायता करेंगे।
सोना मंहगाई के विरुद्ध एक ढाल है क्योंकि इसका मूल्य अंतर्निहित है। सिक्योरिटीज़ और वित्तीय साधन, कंपनी के प्रदर्शन या देश की अर्थव्यवस्था जैसे बाहरी कारणों से अपना मूल्य निश्चित करते हैं। पैसे की क्रय शक्ति में गिरावट के साथ शेयरों के मूल्यों में समकालीन वृद्धि शून्य धन निर्माण का परिणाम देगी। दूसरी ओर मंहगाई के कारण सोना, भूमि, तेल, और अन्य वस्तुओं या अचल संपत्तियों के मूल्य में गिरावट होने की संभावना कम होती है।
सोना - स्वतंत्र माँग और आपूर्ति
कोई ब्लू-चिप कंपनी नए शेयर जारी कर सकती है। सरकारें अधिक मुद्रित नोट्स छाप सकती हैं। पर सोने का निर्माण कोई भी ऐसे ही नहीं कर सकता है। सोना पृथ्वी से खनन कर प्राप्त की जाने वाली एक अनमोल धातु है और इसकी आपूर्ति सीमित है।
इसके अलावा, सोने की माँग भी आर्थिक मापदंडों पर निर्भर नहीं है। कुछ औद्योगिक उपयोगों के अलावा, सोने का उपयोग मुख्य रूप से आभूषणों और निवेश प्रयोजनों के लिए ही किया जाता है। जबकि मंहगाई उत्पादों और सेवाओं की माँग को आघात पहुँचा सकती है और फलस्वरूप इक्विटी और ऋण बाजारों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, वहीँ सोने की आपूर्ति के अनोखे पहलू इसे अपेक्षित रूप से मंहगाई के नकारात्मक प्रभावों के प्रति अप्रभावित बनाते हैं।
दीर्घावधि से मंहगाई के विरुद्ध बचाव (हेज)
यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि सोना मुख्य रूप से मंहगाई के विरुद्ध एक दीर्घावधि बचाव (हेज) है। यदि आप चाहते हें कि आपके सेवानिवृत्ति फंड का एक हिस्सा मंहगाई के प्रकोपों से सुरक्षित रहे, तो सोने में निवेश करना एक अच्छा कदम है। मंहगाई और ब्याज दर में बदलाव अल्पावधि में सोने के मूल्य में उतार चढ़ाव का कारण हो सकते हैं। हालाँकि, भारत में और दुनिया भर में पिछले 50-60 वर्षों में सोने का पिछला प्रदर्शन दर्शाता है कि जब पैसे की क्रय शक्ति में किसी प्रकार की कमी से निवेशों की रक्षा करने की बात आई है तो कोई भी अन्य संपत्ति इतनी प्रभावशाली नहीं हुई जितना कि सोना है।
आर्थिक परेशानियों के दौरान सुरक्षित ठिकाना
संख्याएँ एक तरफ, पर अपनी दीर्घावधि निवेश की रणनीति में सोने को शामिल करने के मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर विचार करना भी महत्वपूर्ण है। हज़ारों वर्षों में दुनिया ने कई प्रलयंकारी परिवर्तनों को देखा है। फिर भी, एक बात जो स्थिर बनी हुई है वह है सोने के साथ मानव जाति की आसक्ति।
जबकि सरकारें चूक सकती है और ब्लू-चिप कंपनियाँ दिवालिया हो सकती हैं, पर भविष्य में किसी भी समय सोने का अपनी कीमत को गवाँ देना संभव नहीं है। और यही बात सोने को बुरे वक्त में निवेशकों के लिए पसंदीदा सुरक्षित ठिकाना बनाती है। एक निवेश रणनीति जो सिर्फ इक्विटी और ऋण साधनों पर ही केंद्रित रहती है वो मंहगाई और मंदी के वर्षों के दौरान नकारात्मक वास्तविक रिटर्न्स उत्पन्न कर सकती है। धीमे और स्थिर ढंग से सोने की खरीददारी, यह सुनिश्चित करने में सहायता करेगी कि आपके निवेश पोर्टफोलियो को बहुत अधिक हानि न भुगतनी पड़े। सोने में निवेश आपको धन की आश्वस्त तरलता का आनंद लेने में आपकी सहायता करेगा, भले ही आप एक मंदी के माहौल में पैसा निवेश करना शुरू करें।
निष्कर्ष
सोने के निवेश पर ब्याज अर्जित करने के लिए गोल्ड मॉनेटाइज़ेशन जैसे नए विकल्पों का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, जमा खाते की अवधि के आधार पर ब्याज को सोने के रूप में या नकद के रूप में प्राप्त किया जा सकता है। एक आदर्श परिस्तिथि में, मंहगाई कोई समस्या नहीं होगी और केवल निवेश करते रहना ही धन पैदा करने के लिए पर्याप्त होगा। चूँकि सिर्फ कामना कर के मंहगाई को दूर नहीं किया जा सकता है, इसलिए अपने फंड के एक हिस्से का वास्तविक या डीमैट सोने में निवेश करना ही सबसे समझदार विकल्प होगा।