Published: 19 फ़रवरी 2020
आने वाले दशकों में सोने का बाजार कैसे विकसित होगा?
क्या तकनीक सोने को खरीदने के तरीके को बदल देगी? क्या सोना एक कीमती संपत्ति बना रहेगा? क्या आपको अपने बच्चों के भविष्य के लिए सोने में निवेश करना चाहिए?
यदि आप सोच रहे हैं कि अगले 30 वर्षों में सोने का बाज़ार कैसे फलेगा-फूलेगा, तो यह जानने के लिए नीचे पढ़ें कि इस विषय में विशेषज्ञों का क्या कहना है।
दुनिया-भर के मार्किट लीडरों ने सोने के बाजार के विकास के बारे में अपनी राय दी है कि सोने का खनन जलवायु परिवर्तन के प्रभाव में कैसे फलेगा-फूलेगा।
आर्थिक विकास से सोने की मांग बढ़ेगी
आने वाले वर्षों में दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता के साथ, भारत अपनी आर्थिक शक्ति में एक बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार है। भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज़ी से आर्थिक वृद्धि सोने के बाजार के लिए एक वरदान साबित होगी।
चूंकि मध्यम वर्गीय परिवारों का विस्तार होगा, कामकाजी उम्र वालों की आबादी बढ़ेगी और आय में वृद्धि लगातार जारी रहेगी, इससे आने वाले कुछ वर्षों में सोने की मांग भी बढ़ने की उम्मीद है।
भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बना हुआ है, जिसकी वजह, सदियों से यहां के लोगों का इस कीमती धातु के प्रति सांस्कृतिक आकर्षण है। भारतीय मध्यवर्ग वह ताकत है, जिसके साथ तालमेल बैठाने की ज़रूरत होगी, क्योंकि यह आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास का सबसे बड़ा वाहक होगा।
सोने के खनन और उत्पादन में परिवर्तन होगा
पिछले 30 वर्षों में, सोने का उत्पादन लगभग दोगुना हो गया है। हालांकि, जिस दर से सोने की खोज हुई है, वह 2000 के दशक के बाद से खोज बजट में लगातार वृद्धि के बावजूद घट रही है।
मुख्य रूप से मशीन ऑटोमेशन तैसी तकनीकी उन्नति से, सोने के खनन में निकट भविष्य में बदलाव आएगा। कंप्यूटिंग शक्ति और कनेक्टिविटी में वृद्धि से अगले 30 वर्षों में खनन के तरीकों में बदलाव आएगा।
भूमिगत खनन खुले गड्ढे वाले खनन का स्थान ले लेगा। स्वचालन और सौर ऊर्जा, सुरक्षित एवं स्थायी खनन और उत्पादन तकनीकों में योगदान देंगे।
सोने का निवेश तकनीक से तय होगा
तकनीकी उन्नति हर क्षेत्र में काम करने के तरीके को बदल रही है, कहने की जरूरत नहीं है कि सोने का बाज़ार भी कोई अपवाद नहीं है। अब डिजिटल सोना और गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) में निवेश और व्यापार करना संभव है, और ऐसे मोबाइल ऐप हैं, जो निवेशकों को भारत में सोना खरीदने, बेचने, निवेश करने और उपहार में देने की सुविधा प्रदान करते हैं।
ओवर-द-काउंटर बाजारों से एक्सचेंजों जैसे अधिक पारदर्शी व्यापारिक स्थानों की ओर विनियामक परिवर्तन किए जा रहे हैं। युवा पीढ़ी को मोबाइल ऐप के जरिए सोने का आसानी से व्यापार और निवेश पसंद आएगा, जिससे सोने के निवेशकों और उपयोगकर्ताओं का ग्राहक आधार बढ़ेगा।
चूंकि आर्थिक मंदी और वित्तीय संकटों के समय में सोना सुरक्षित विकल्पों में से एक है, इसलिए स्थिरता और आर्थिक विकास की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए सोने में निवेश जारी रहेगा।
भारतीय आभूषण हमेशा चमकते रहेंगे
सोने के आभूषणों के प्रति भारतीयों की लालसा को किसी परिचय की ज़रूरत नहीं है। सदियों से आभूषण भारतीय परिवारों के लिए बहुत बेशकीमती रहे हैं। हालांकि आज के समय में युवा परिवार पुरानी पीढ़ियों के उलट अपनी खरीदारी के लिए अधिक प्रामाणिक और विश्वसनीय स्रोत ढ़ूंढ़ते हैं। इसलिए ज्यादा-से-ज्यादा जौहरी इन उपभोक्ताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सिर्फ हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण बेचने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। आने वाले वर्षों में यह रुझान और भी बढ़ने वाला है।
जैसे-जैसे गावों में रहने वाले भारतीओं की आय और खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, भारतीय सोने के आभूषणों की मांग में उछाल की संभावना भी बढ़ेगी। कहा जा सकता है कि भारतीय सोने के आभूषणों का बाज़ार अधिक एकीकृत और व्यवस्थित हो जाएगा। सोने की रीसाइक्लिंग में भी जबरदस्त क्षमता है — मौजूदा सोने का लगभग 25,000 टन।
सोना हजारों वर्षों से हमारी दुनिया का अभिन्न अंग रहा है] इसलिए आने वाले दशकों में भी इसे मान्यता, महत्ता और मान-सम्मान मिलता रहेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, सोने के उत्पादों में निवेश बहुत बढ़ जाएगा, लेकिन फिर भी आभूषण सांस्कृतिक कार्यकर्मों में अपना स्थान बनाए रखेंगे।
वैसे सोना खरीदने, उसमें निवेश करने और उसे पहनने के तरीके समय के साथ बदल सकते हैं, लेकिन यह हर भारतीय घर में चमक बिखेरता रहेगा।