ज़्यादा कहानियां
एक महिला के जीवन में सोने की भूमिका
आपको सोने का पहला अनुभव तब हुआ था, जब आपके जन्म के समय आपके दादा-दादी / नाना-नानी ने आपको भेंट दी थी। यह आपके भविष्य के लिए आपका पहला निवेश था। आपकी अलमारी में, एक छोटी-सी थैली में रखी वह चेन आज भी यादों की माला जैसी ही है, आपकी सबसे मूल्यवान पूँजी।
विभिन्न काल खण्डों में भारतीय स्वर्ण आभूषण की अवस्था
भारत में सोने का सफर आसान नहीं रहा है, लेकिन इतने सालों में सोने के प्रति आकर्षण कई गुना बढ़ा ही है।
स्वर्ण से सुशोभित दक्षिण भारत की दुल्हनें
सोने के प्रति भारत का प्यार तो भारतीय शादियों में ही दिखता है। एक छोटी-सी झलक विशाल मात्रा में प्रयोग होने वाले दुल्हन के लिए सोने के गहनों की।
प्रखर चमक : स्वर्ण आभूषण और भारतीय नवयुवा
हज़ारों सालों में पीढ़ी दर पीढ़ी सोने के गहनों के प्रति दृष्टिकोण बदला है। हालाँकि, सोने की महत्ता ने वक़्त को भी मात दे दिया है।
बंगाली कारीगरों की कलात्मक चमक
सोने के गहने की डिजाइनिंग में बंगाली कारीगरों की रचनात्मकता में अद्वितीय अभिव्यक्ति देखी जा सकती है।
स्वर्ण के नथ
भारत की अतिप्रिय स्वर्णिम 'नथ' या नाक के छल्ले का 5000 वर्षों से अधिक पुराना इतिहास है जो विभिन्न संस्कृतियों में भिन्न रहा है।
आभूषणों के लिए हम 100% शुद्ध स्वर्ण का प्रयोग क्यों नहीं कर सकते?
100% स्वर्ण या 24 कैरट स्वर्ण धातु के ख्याल से आश्चर्यजनक रूप से कोमल होता है.
स्वर्ण की अंगूठी की कहानी
यह आम मान्यता है कि वैवाहिक अंगूठियों का प्रथम उदाहरण प्राचीन मिस्र में मिलता है.
कंगन और उनकी चक्रीय सुरक्षा
भारतीय वधू को देखने पर उनके मेंहदी रचे हाथों, चमकीली लाल साड़ी, शरीर के ऊपरी अंगों पर लदे आभूषण, और निःसंदेह उनके स्वर्ण कंगनों पर आँखें बरबस चली जातीं है.
दुल्हनें अपने विवाह के दिन सबसे अधिक स्वर्ण धारण करतीं हैं.
वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल की रिपोर्ट “भारत का स्वर्ण बाज़ार : उद्भव एवं नवाचार” (इंडियाज गोल्ड मार्केट : इवोल्यूशन ऐंड इनोवेशन”) के अनुसार, विवाह के दिन केरल की दुल्हनें सबसे अधिक स्वर्ण धारण करतीं हैं.