Published: 28 अगस्त 2017
कुबेर यंत्र की पूजा का महत्व ?
हिन्दुत्व विश्व का प्रचीनतम विद्यमान धर्म है। हिन्दू धर्म के अनुयायी विभिन्न देवताओं एवं देवियों की आराधना करते हैं एवं भारत में उत्पन्न अनेकानेक धार्मिक परंपराओं का पालन करते हैं। देवताओं एवं देवियों के अतिरिक्त हिन्दू लोग वृक्ष, पौधे, नदियाँ आदि अनेक वस्तुओं की भी पूजा करते हैं।
‘यंत्र’ देवता एवं देवियों का ऐसा ही एक रूप है जिसे भारत में व्यापक रूप से पूजा जाता है। यंत्र एक ज्यामितीय रेखाचित्र होता है। घरों एवं मंदिरों में पूजा एवं ध्यान के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यंत्र निश्चित उद्देश्य से किसी निश्चित देवी-देवता से संबंधित होता है।
सभी यंत्रों में कुबेर यंत्र सुप्रसिद्ध एवं अत्यंत प्रतिष्ठित आध्यात्मिक रेखाचित्र है। धन के देव - कुबेर को प्रसन्न करने के लिए इस यंत्र का प्रयोग घरों में और कार्यस्थलों में स्वर्ण एवं धन की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
कुबेर यंत्र एक जटिल रेखाकृति होती है जिसे धातु की एक छोटे फलक (सामान्यतया सोने से बना) पर गढ़ी होती है। भगवान कुबेर उत्तर के शासक माने जाते हैं इसलिए यंत्र को उसी दिशा में स्थापित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कुबेर यंत्र के पूजकों को उनके व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक जीवन में खजाना धन एवं सफलता हासिल होती है।
भारत के दक्षिणी भाग में कुबेर यंत्र को कुबेर कोलम कहा जाता है जिसे भूमि पर चावल के आटे से बनाया जाता है। कुबेर कोलम प्रचलित भारतीय रंगोली के समान है दक्षिण भारत के अनेक घरों में दिखाई देता है। कोलम की चित्रकारी में खडि़या (चॉक) का चूर्ण या चावल के आटे का प्रयोग किया जाता है।
कुबेर यंत्र के समान ही कुबेर कोलम एक रहस्यवादी़ वर्गाकार होता है और माना जाता है कि यह धन एवं समृद्धि आकृष्ट करता है। कुबेर कोलम को बनाने के लिए पहले थोडे़ अंतर पर बिन्दु बनाते हैं और फिर लकीरों से उन्हें जोड़कर नौ खाने बनाए जाते हैं। इन खानों में 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, और 28 की संख्या भर कर उन्हें सिक्का एवं फूल से सजा दिया जाता है। सुदोकु पहेली के समान इनकी प्रत्येक क्षैतिज एवं उर्ध्व पंक्ति की संख्याओं का कुल योग 72 होता है।
धन एवं सफलता की प्राप्ति हेतु कुबेर यंत्र के अतिरिक्त श्री (लक्ष्मी) यंत्र की पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी स्वर्ण की देवी हैं और अपने भक्तों पर स्वर्ण एवं स्वर्ण मुद्राओं की वर्षा करती हैं। मान्यता है कि श्री यंत्र शक्ति एवं ओज का स्रोत है और समस्त वांछित धन एवं समृद्धि हेतु प्रति दिन इसकी पूजा करनी चाहिए।