Published: 13 अगस्त 2024
गोल्ड बीड्स: कोल्हापुर की पारंपरिक हाथ से बनी गोल्ड ज्वेलरी
महाराष्ट्र के मध्य में बसे कोल्हापुर में, बेहतरीन कारीगरों के हाथों से बने बीडवर्क वाले आभूषण वहाँ के सुंदर इतिहास की कहानियां बयां करते हैं।
22 कैरेट सोने को पतली पट्टियों, जिन्हें "पश्ता" कहते हैं, में ढालकर, कोल्हापुर के कारीगर इतने डेलिकेट बीड्स बनाते हैं कि एक ग्राम सोने से 200 से ज़्यादा बीड्स तैयार हो जाते हैं। यह अद्भुत कला केवल कोल्हापुर की पीढ़ियों पुरानी कलाकारी और उसके खास जलवायु और वातावरण की वजह से ही संभव है।
कोल्हापुर के कारीगरों की अद्भुत कलाकारी से बने इन बेहद लाइट गोल्ड बीड्स का इस्तेमाल, ठुशी हार, बुगाड़ी झुमके और झालरदार लम्बट मणि जैसी शानदार ज्वेलरी आर्टफॉर्म डिज़ाइन करने में किया जाता है। हर आभूषण, बेहतरीन हैंडीक्राफ्ट का जीता-जागता उदाहरण है, जो कोल्हापुर की गौरवशाली संस्कृति को दर्शाता है।
इन आभूषणों के डिजाइन परंपरा और आस्था की कहानियों को संजोये हुए हैं, जो खास समारोहों में उनके महत्व को दर्शाते हैं।
कोल्हापुरी बीड वाले सोने के आभूषण सिर्फ आभूषण नहीं, बल्कि पीढ़ी दर पीढ़ी सहेज कर रखी जाने वाली परंपरा है। इनमें इतिहास और हस्तकला का अनोखा मिलन हुआ है, जो उन्हें सांस्कृतिक महत्व की अनमोल धरोहर बनाता है। ऐसे आभूषण को पहनना जीवंत विरासत को अपनाने जैसा है।