Published: 01 जनवरी 2020
सोने के आभूषण खरीदने के लिए साल के सर्वश्रेष्ठ दिन
सोना हमेशा आपके जीवन में कुछ मूल्यवान चीज़ जोड़ देता है: चाहे वह आभूषण के रूप में हो, आपके घर के लिये एक सजावटी वस्तु के रूप में या आपके भविष्य के लिए निवेश के रूप । लेकिन कुछ ऐसे दिन हैं जब सोना खरीदना, दूसरों दिनों की तुलना में अधिक शुभ माना जाता है।
- धनतेरस पांच दिन के दीवाली के उत्सव के पहले दिन आता है। भक्त इस दिन दोनों, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं। राजा हिम की कथा भी इस अवसर से जुड़ी हुई है। राजा हिम के बेटे को उनके विवाह के चौथे दिन मरने के लिए श्राप दिया गया था। उसे बचाने के लिए, उसकी पत्नी ने उसके चारों ओर बहुत सारा सोना रखा। जब मृत्यु के देवता यमराज आये, तो वह उस चमक से चकित हो गये और उन्होनें हिम के बेटे को नहीं मारा। इसलिए, लोगों का मानना है कि धनतेरस पर सोने की खरीद करने से बुराई दूर रहती है।
- अक्षय तृतीया हिंदुओं और जैनों के लिए एक अत्यंत शुभ दिन है। इस दिन, भगवान विष्णु ने पांडव को अक्षय पात्र नामक एक कटोरा दिया था, जिससे भोजन की असीमित आपूर्ति होती थी। इस प्रकार, ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से अंतहीन भाग्य प्राप्त होता है।
- नवरात्रा देवी दुर्गा के नौ दैवी रूपों को स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है, जिनके बारे में ये माना जाता है कि वे अपने भक्तों की सभी बुराईयों से रक्षा करती हैं। यह भारत में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है जब लोग सोने के आभूषणों की खरीदारी के लिए जाते हैं।
- दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन, भगवान राम ने रावण को मार डाला और देवी दुर्गा ने महिषासुर पर विजय प्राप्त की। इसे पूर्ण उत्साह के साथ मनाया जाता है, इस दिन को पीले धातु को खरीदने के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
- बलिप्रतिपदा दिवाली के तीसरे दिन आती है। किंवदंती है कि इस दिन, भगवान विष्णु ने राजा बाली को एक दिन के लिए पृथ्वी पर आने का वरदान दिया था। लोग इस दिन सोने के आभूषण खरीदते हैं क्योंकि यह राजा बाली के तहत समृद्धि का प्रतीक है।
- गुड़ी पर्व, हिन्दू चंद्र कैलेंडर के अनुसार महाराष्ट्र में मनाया जाता है। लोगों का ऐसा मानना है कि नये साल की शुरुआत में सोने के आभूषण सहित क़ीमती सामान खरीदना शुभ होता है।
- उगाडी, दक्षिण भारतीय नववर्ष (महाराष्ट्र में गुड़ीपर्व के समान), कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह सोने के गहने खरीदने के लिए एक शुभ अवसर माना जाता है क्योंकि माना जाता है कि इस दिन सोने की खरीद करने से आने वाले वर्ष में सौभाग्य, समृद्धि और धन आ सकता है।
- ओणम, फसल का त्योहार, केरल में ऊर्जस्विता और उत्साह के साथ दस दिनों के लिए मनाया जाता है। सोने के आभूषण खरीदने के लिए यह एक भाग्यशाली दिन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ओणम समृद्धि लाता है और अपने जीवन की एक नई शुरुआत करने का प्रतीक है।
- पोंगल, तमिल फसल का त्योहार जिसे चार दिनों के लिए मनाया जाता है, को सोने के आभूषण खरीदने के लिये एक शुभ अवसर माना जाता है क्योंकि यह समृद्धि और उज्ज्वल भविष्य लाता है।
- बैसाखी, उत्तर भारत के कई हिस्सों में मनाया जाने वाला फसल का त्योहार, विशेष रूप से पंजाब में मनाया जाता है, व सिखों का नया साल भी है। पंजाब में, सोने के आभूषणों से सजी महिला को परिवार की खुशी और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, बैसाखी पर, लोग अपने परिवारों में महिलाओं के लिए सोने के आभूषण खरीदने को प्राथमिकता देते हैं।
- करवाचौथ, महाभारत के समय के दौरान करवाचौथ उत्पन्न हुआ, यह एक दिवसीय समारोह है, जो मुख्य रूप से हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इस दिन, पति आमतौर पर अपनी पत्नियों को अपने प्रेम के एक अनन्त प्रतीक के रूप में सोने के आभूषण उपहार में देते हैं।
- भारतीय शादियों में, सोने पर खर्च आसानी से शादी के कुल खर्च के 1/3 के बराबर तक पहुंच सकता है, चाहे आप दुल्हन के परिवार में हों या दूल्हे के।माता-पिता और दादा दादी के रूप में, अपने बच्चों को शादी में सोने के उपहार देना, उन पर देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद की बौछार करने का एक तरीका है। एक दोस्त या रिश्तेदार के रूप में, शादी के दौरान उपहार में दिया गया सोना, कपल के भविष्य को सुरक्षित बनाने के काम आ सकता है।