Published: 29 जनवरी 2018
कहीं आपकी असली मुस्कान का राज स्वर्ण में तो नहीं है?
कल्पना करें कि आपको स्वर्ण पाने के तरीके सोचने को कहा गया है. आपने मन में क्या ख्याल आयेगा? प्राचीन आभूषण मंजूषा, स्वर्ण की खानें, बरामद खजाने? चलिए, हममें से अनेक लोगों के मन में कुछ ऐसी ही विचार आते. अब अगर आपसे किसी के मुंह के बारे में सोचने को कहा जाए, तो क्या होता? मुझे नहीं लगता कि आप स्वर्ण की कल्पना करते, करते क्या?
यह बहुमूल्य धातु ने शुद्ध स्वर्ण का मुखौटा लगाकर सोने वाली क्लियोपैट्रा से लेकर स्वर्ण को यौवन, नवजीवन प्रदान करने और दैहिक रोगों से मुक्ति देने की क्षमता रखने वाला मानने वाले सिकंदरियाई रसायन शास्त्रियों द्वारा तरल स्वर्ण से तैयार औषधि से त्वचा का उपचार करने वाले प्राचीन रोमवासियों तक एक लम्बी यात्रा पूरी की है. अनेक वर्षों से स्वर्ण को सौंदर्यवर्द्धक के रूप में जाना जाता रहा है. आजकल सौंदर्य प्रसाधनों, तेलों और फेस क्रीम निर्माताओं द्वारा द्रव्यों में स्वर्ण का समावेश किया जाने लगा है, क्योंकि वे इसे स्वस्थ त्वचा के नवजीवन और कोशिका वृद्धि में सहायक मानते हैं. इतना ही नहीं, कुछ सांस्कृतिक रुझान वाले लोग और कुछ सेलेब्रिटी भी अपनी ख़ूबसूरती के लिए स्वर्ण का प्रयोग करते हैं. लेकिन सवाल है कि इतने कीमती धातु का मुंह में प्रयोग क्यों किया जाए? बात यह है कि दन्त चिकित्सा में अक्सर स्वर्ण का इस्तेमाल इसलिए होता है कि यह अन्य धातुओं की अपेक्षा जंग रोधक, सुरक्षित और स्थायी होता है.
समय के साथ हमारे दांतों का क्षरण होता रहता है और इस तरह हमें एक ऐसे धातु की आवश्यकता है जो घर्षण को झेल सके और कुदरती दांतों के तरह दिखाई दे. अन्य धातुओं के बीच, स्वर्ण टिकाऊ भी होता है और मानव दांतों पर पड़ने वाले दबाव को झेलने की क्षमता रखता है. दांतों के लिए स्वर्ण पुनर्स्थापन का काम 40-50 वर्षों के लिए भी होता है. मुंह के लिए सही धातु और इसका विषरहित एवं मजबूत होना ज़रूरी होता है. स्वर्ण मजबूत होता है और अगल-बगल के दाँतों को क्षति नहीं पहुंचाता. साथ ही यह अपने ऊपर या नीचे के दांतों को घिसता भी नहीं है, इसलिए एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है.
इस पर काफी अध्ययन हुआ है कि अपने सूजनरोधी गुणों और रक्त प्रवाह बढाने की क्षमता के कारण स्वर्ण मसूढ़ों के रोग से लड़ने में सहायक हो सकता है. इसके अलावा, इसमें बैक्टीरियारोधी गुण होते हैं, जिस कारण यह मुंह की स्वच्छता में वृद्धि करता है. स्वर्ण के बारे में यह भी पता चला है कि इससे एलर्जी और अतिसंवेदनशीलता होने की संभावना कम होती है. मसूढ़े और अन्य सहायक उत्तक इसे अच्छी तरह सहन कर लेते हैं. इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं होती है और इसके प्रतिस्थापन से शायद ही कोई समस्या देखी गयी है.
स्वर्ण के ये सारे गुण आपकी स्वाभाविक मुस्कुराहटों के लिए एकदम सही वस्तु है !