Published: 08 फ़रवरी 2018
स्वचालन उद्योग में स्वर्ण
स्वर्ण युक्त उपकरण हमारे चारों तरफ भरे पड़े हैं. अपने अत्यंत सुचालक एवं जंगरोधी गुणों के कारण यह धातु रोजमर्रे के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के एक आवश्यक अवयव है. इसके अलावा, चिकित्सा और रसायन शास्त्र में स्वर्ण का प्रयोग अन्य सुज्ञात उत्पादों और पद्धतियों की व्यापक श्रृंखला में भी महत्वपूर्ण है. अनेक प्रकार से स्वर्ण एक ‘अदृश्य तत्व’ है जो उन चीजों की कार्यशीलता में चुपचाप महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिन पर हम पक्का भरोसा करते हैं.
स्वचालन उद्योग में महत्वपूर्ण बदलाव की प्रक्रिया जारी है, जैसे कि हाइब्रिड और पूर्णतः विद्युतीय वाहनों की व्यापक तीव्रता की दिशा में चल रहे प्रयास. इससे लम्बे समय में, विशेषकर कोबाल्ट और लिथियम जैसी बैटरी टेक्नोलॉजी से सम्बद्ध उपकरणों में स्वर्ण और अन्य धातुओं की मांग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है.
इसका असर स्वर्ण की मांग पर भी होगा. स्वचालन उद्योग में पहले ही से व्यापक प्रकार की चिप्स का उपयोग हो रहा है, और जैसे-जैसे विद्युतीकरण का प्रचलन बढ़ रहा है, इन चिप्स की मांग में तेजी देखी जा रही है.
इंजन और ब्रकिंग सिस्टम मैनेजमेंट से लेकर संयोजकता और मनोरंजन प्रणाली तक अनुप्रयोग काफी व्यापक है, जिनमे से प्रत्येक में प्रकाश उत्सर्जक द्विपथ (एलईडी) और प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स (पीसीबी) जैसे उच्च स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक अवयवों की पंक्ति श्रृंखला की जरूरत होती है.
दीर्घ अवधि में, स्वचालित वाहनों की संभावना से टकराव रोधक प्रणालियों जैसे उच्च स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक्स के समावेश के द्वारा स्वर्ण की मांग में और भी तेजी आने की संभावना है.