Published: 31 अगस्त 2017

आपकी आभूषण-मंजूषा के लिए स्वर्ण कुंडल

Pinjada Jhumka Design

चमचमाते स्वर्ण आभूषणों से भरी मंजूषा में कंठहार, कंगन, कंघी, करधनी आदि के सपने आँखों में बसे रहते हैं। इनमे इस प्रत्येक आभूषण अपने-अपने ढंग से पोशाक की सुन्दरता बढाता है और पहनने वाले की शोभा और शान में वृद्धि करता है।

विशेषकर कान के कुंडल हरेक आभूषण-मंजूषा की एक महत्वपूर्ण सामग्री होता है जो धारण करने वाले की पसंद के अनुसार सौम्य से लेकर तड़क-भड़क तक अलग-अलग रूप का होता है।

 

यहाँ हर चेहरे पर फबने वाले सुन्दर स्वर्ण कुंडल की अलग-अलग बनावट के कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं :


प्यारा झूमका

पारंपरिक छवि वाला यह कर्ण आभूषणों की सबसे प्राचीन शैलियों में से एक है। इन शंक्वाकार आभूषणों को कुर्ता, सारी, लंहगा जैसे पारंपरिक परिधानों के साथ पहना जाता है।

चेहरे की बनावट :

झुमके गोल और अंडाकार चेहरे पर सबसे ज्यादा फबते हैं।

सौन्दर्यवर्द्धक झूलन या लटकन

जैसा कि नाम से स्पष्ट है, ये लम्बे आकार के कुंडल होते हैं। ये विभिन्न रूप-रंग और आकार-प्रकार में मिलते हैं। लटकन साड़ी के साथ फबते हैं, हार की ज़रुरत नहीं पड़ती क्योंकि ये कुंडल अपने-आप में काफी परिपूर्ण और सुन्दर लगते हैं।

चेहरे की बनावट :

लटकन गोल और लम्बे, दोनों तरह के चेहरे पर अच्छे लगते हैं।

आकर्षक दीपाधार (कर्णफूल)

दीपाधार लटकनों के समान लम्बे कर्णफूल होते हैं जो कान से एक कील के सहारे लटकते हैं और नीचे की ओर अंत तक चौड़े होते जाते हैं। इन्हें भव्यता के लिए विशेष अवसरों पर पहना जाता है।

चेहरे की बनावट :

कर्णफूल अंडाकार चेहरे पर ज्यादा अच्छे लगते हैं।

खूबसूरत छल्ले

छल्ले पारंपरिक स्वर्ण बालियों के आधुनिक रूप हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह भारतीय और पाश्चात्य, दोनों परिधानों के साथ खूब फबते हैं। छोटे छल्लों को “हग्गिज” कहा जाता है, ऐसी बालियाँ जो नाममात्र को कान के लोलकों के चारों ओर लिपटे रहते हैं।

चेहरे की बनावट :

छल्ले और हग्गिज लम्बे चेहरे पर फबते हैं।

भव्य कील

दैनिक प्रयोग के लिए पारंपरिक एवं सजीली स्वर्ण कील प्रत्येक व्यस्त लडकी/स्त्री का सबसे मनपसंद आभूषण है। पुरुष भी स्वर्ण कील एक या दोनों कान में पहनते हैं। यह सभी तरह के पोशाक पर अच्छी लगती हैं और धारण करने वाले का आत्‍मविश्‍वास बढ़ातीं हैं।

चेहरे की बनावट :

कील सभी तरह के चेहरे के उपयुक्त है, लेकिन गोल चेहरे पर ज्यादा अच्छी लगतीं हैं।

मनभावन जंजीर (चेन)

ये एक प्रकार की पारंपरिक स्वर्ण बालियाँ हैं। इन्हें सोने की जंजीर के साथ बालों में काँटा या पिन के सहारे टांक दिया जाता है। इस तरह की बालियों से ढीले केश विन्यास के साथ पारंपरिक परिधान का सौन्दर्य बढ़ता है।

चेहरे की बनावट :

जंजीर लगी बालियाँ अंडाकार चेहरे के लिए उपयुक्त होती हैं। इनसे चेहरा लंबा दिखता है.

कसे हुये कर्ण-बंध

ये परम्परागत किस्म के स्वर्ण कर्ण-बंध हैं जिन्हें फैशन के साथ पसंद करने वाले और भीड़ में अलाब दिखने के शौक़ीन भारतीय युवाओं द्वारा धारण किया जाता है। कुछ कर्ण-बंध पूरे कान को ढंके रहते हैं और अपने-आप में काफी खूबसूरत दिखते हैं।

चेहरे की बनावट :

यह गोल चेहरे पर सुन्दर लगता है।

 

ये स्वर्ण बालियाँ भारतीय आभूषणों का अभिन्न हिस्सा हैं और प्रत्येक स्त्री के पास अनिवार्य रूप से होता है।