Published: 03 जनवरी 2019
दुर्गा पूजा समारोहों में सोने ने कैसे चमक बिखेरी
हजारों जुलूसों में लाखों भक्तों के साथ, दुर्गा पूजा वर्ष का वह समय होता है, जब पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत की सड़कें दिलों और ढोलों की तालबद्ध धड़कनों से गूंज उठती हैं।
नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में, राज्य के लगभग हर क्षेत्र में थीम-आधारित खास तरह के पंडाल लगाए जाते हैं। सबसे क़ीमती धातुओं में से एक यानी कि सोना अब सालों से देवी-देवताओं की मूर्तियों को सजाने की लोकप्रिय चीज बन गई है। वहीं कई पंडालों में सोने से दुर्गा की मूर्तियों को सजाया जाता है, इनमें से कुछ ने तो अपना अलग एक खास मुकाम बनाया है और सुर्खियां बटोरी हैं।
निम्नलिखित विवरणों में बताया जा रहा है कि सोने की चमक ने पिछले कुछ दुर्गा पूजा समारोहों को कितना शानदार बना दिया था।
-
संतोष मित्रा चौक पंडाल—2017, कोलकाता
पिछले साल, उत्तरी कोलकाता में संतोष मित्रा चौक पूजा समिति द्वारा लंदन-थीम वाला पंडाल लगाया गया था। इसमें देवी दुर्गा की मूर्ति को 22 कैरेट के 22 किलो सोने की एक सुंदर साड़ी में लपेटा गया था। 6.5 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की साड़ी को मशहूर फैशन डिजाइनर अमृता पॉल ने डिजाइन किया था। यह आश्चर्यजनक है कि अमृता की परिकल्पना को जीवंत करने में लगभग ढाई महीने लगे और 50 कारीगरों की टीम ने इस काम को पूरा किया।
सोने के ज़री के काम वाली साड़ी में दुर्गा की मूर्ति सुशोभित थी, ज़री का काम फूल, पक्षियों और जानवरों की कढ़ाई करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
-
श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब पंडाल—2017, कोलकाता
इसी साल, कोलकाता में श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब ने सोने के मुकुट और भारी आभूषणों से मूर्तियों को सजाया। इस साल पंडाल के लिए चुने गए सोने की महीन तार से निर्मित, मुकुट और आभूषणों की थीम प्रसिद्ध फिल्म — बाहुबली के योद्धाओं से मिलती-जुलती थी। कारीगरों को सोने के सुंदर मुकुट डिजाइन करने में दो महीने से अधिक का समय लगा।
-
छत्र बंधु क्लब पंडाल—2016, अगरतला
पश्चिम बंगाल के कलाकार इंद्रजीत पोद्दार द्वारा निर्मित दुर्गा की इस मूर्ति को इस साल सोने से बनी दुनिया की सबसे महंगी दुर्गा की मूर्ति के रूप में जाना गया। ग्लास फाइबर से बनी और असली सोने से सजी दुर्गा की मूर्ति 10.5 फीट ऊंची थी।
जैसे ही इस साल दुर्गा पूजा मनाने के लिए पंडाल तैयार हुए, उनके पास देवताओं को चमकते सोने से सजाने के ज्यादा नए और रचनात्मक सुझाव थे।
इस तरह हम इस साल दुर्गा पूजा समारोहों में सुनहरा जादू देखने के लिए लालायित थे!