Published: 06 फ़रवरी 2020
अनिवार्य हॉलमार्किंग आपको कैसे प्रभावित करेगी
अगर आपको कभी भी अपने सोने की शुद्धता के बारे में चिंता रही हो, तो आपके लिए हमारे पास बड़ी खुशखबरी है। 15 जनवरी, 2021 से, पूरे भारत में कानूनन सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी जाएगी!
हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का परीक्षण करने और बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ’गोल्ड हॉलमार्क’ वाली मुहर लगाने की एकमात्र सरकार-स्वीकृत पद्धति है।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरे सोने के आभूषण हॉलमार्क किए हुए है?
जब सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाएगी, तो आपको सोने के आभूषण/सोने के हर टुकड़े, जिसका वजन 2 ग्राम से अधिक हो, उन पर इन 4 चिन्हों का एक हॉलमार्क मिलेगा :
शुद्धता का चिन्ह आपके सोने के कैरेट के आधार पर अलग-अलग होगा। 22-कैरेट सोने के लिए, चिन्हे 22K916 है, 18-कैरेट सोने के लिए, यह 18K750, और 14-कैरेट सोने के लिए यह 14K585 है। जबकि 24-कैरेट सोने का सबसे शुद्ध रूप है, यह आभूषण बनाने के लिए बहुत नरम और लचीला है।
सोने की हॉलमार्किंग के क्या फायदे हैं?
हॉलमार्क वाला सोना आपको कई स्थितियों में मदद करता है :
- यदि आप सोने के आभूषण खरीद रहे हैं और सुनिश्चित होना चाहते हैं कि आप जो भुगतान कर रहे है, वह सही चीज़ के लिए कर रहे हैं
- यदि आप विरासत में मिले आभूषणों को अपग्रेड या अपसाइकिल करना चाहते हैं और इसे अधिक आधुनिक, समकालीन डिजाइनों में बदलना चाहते हैं
- अगर आप अपने सोने के आभूषण बेचना चाहते हैं
- अगर आप अपने सोने के आभूषणों पर कर्ज़ लेना चाहते हैं
हॉलमार्क किया हुआ सोना आपको सोने की शुद्धता साबित करने में मदद कर सकता है, क्योंकि आपको शुद्धता का प्रमाणपत्र दिया जाता है। अपनी ओर से, आपको अपने जौहरी से हॉलमार्किंग प्रमाणपत्र के लिए, और एक मैग्निफाइंग ग्लास मांगना चाहिए, ताकि आप सोने के हॉलमार्क के 4 चिन्हों की जांच कर सकें। आपको एक पक्का बिल भी माँगना चाहिए जो आमतौर पर सोने की खरीद के विवरण को हर मिनट रिकॉर्ड करता है, जिसमें बनाई शुल्क, अपव्यय शुल्क, खरीद की तारीख, सोने की मात्रा, सोने की शुद्धता, कर और सोने की उस दिन की कीमत शामिल होती है।
यह नया नियम कब लागू होगा?
भारत में 15 जनवरी 2021 से सोने की हॉलमार्किंग अधिकारिक तौर पर अनिवार्य हो जाएगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान के अनुसार, 15 जनवरी 2020 से एक साल की अवधि तक नए हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित करने और जौहरियों के मौजूदा स्टॉक को खत्म किया जा सकता है। उसके बाद, सिर्फ बीआईएस-पंजीकृत जौहरी को ही हॉलमार्क वाला सोना बेचने की अनुमति होगी।
जौहरी बीआईएस से लाइसेंस कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
इन हॉलमार्किंग केंद्रों की स्थापना, प्रशिक्षण और निगरानी के लिए जिम्मेदार निकाय (आधिकारिक रूप से परख प्रक्रिया एवं हॉलमार्किंग केंद्र या एएचसी) बीआईएस है।
बीआईएस से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए, जौहरी को एक कठोर पंजीकरण प्रक्रिया से गुजरना होगा और निरंतर जांच के अधीन रहना होगा। सोने की चीजों की जांच के लिए अनियमित तौर पर सैंपलिंग की जाएगी, अगर सोने के हॉलमार्क पर पंजीकृत एएचसी द्वारा ठीक से मोहर लगाई गई हो। एएचसी भी बीआईएस अधिकारियों द्वारा समय-समय पर जाँच के अधीन होंगे, जहाँ मशीनों की जाँच की जाएगी और तकनीशियनों के कौशल का आकलन किया जाएगा।
अब तक, बीआईएस ने 894 एएचसी को सोना हॉलमार्क करने का और 25,838 जौहरियों को हॉलमार्क वाले सोने को बेचने के लिए लाइसेंस दिया है। इस नए नियम के साथ, शेष जौहरियों के लिए जनवरी 2021 तक हॉलमार्क वाले आभूषणों को बेचने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक हो जाएगा।
क्या हॉलमार्किंग से सोना और महंगा हो जाएगा?
बिलकुल नहीं! प्रत्येक सोने की चीज (2 ग्राम से अधिक) को हॉलमार्क करने के लिए न्यूनतम 35 रुपए का खर्चा आएगा। हालांकि, यह कीमत जौहरी द्वारा आपके सोने के आभूषणों को एएचसी से हॉलमार्क कराने के लिए खर्च की जाएगी।
यदि आप सोना इसके सौंदर्य, सांस्कृतिक, या आर्थिक मूल्य से लाभ उठाने के लिए खरीद रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप #चिन्ह_किधर_है पूछें और वास्तव में वही पाएं, जिसके लिए कि आप खर्च कर रहे हैं!