Published: 18 मई 2018
गुजराती समारोहों में सोने का महत्त्व
क्या आप जानते थे कि ‘छटी’, गुजराती नामकरण समारोह में, सभी रिश्तेदार नव अभिभावक व बच्चे को हर रूप में सोना भेंट करते हैं – जैसे छोटे-बड़े सामान से लेकर आभूषणों तक व सिक्कों से लेकर मूर्तियों तक?
बच्चे का जन्म उन कई गुजराती अवसरों में से एक है जिसमें सोने की भूमिका बहुत बड़ी होती है, लेकिन गुजराती विवाह तो सोने की चमक-दमक के बिना अकल्पनीय है।
सोना गुजराती विवाहों का एक अहम् भाग है और इसे पहनने वाले के रूप में चार चांद लगा देता है। एक पारम्परिक गुजराती दुल्हन सिर से पैर तक औसतन 180 ग्राम वजन के सोने से ढकी होती है! प्रस्तुत है हर गुजराती विवाह में दिखने वाली सोने की कुछ भिन्नाताएँ।
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पैनेटर साड़ी
पैनेटर स्टाइल की साड़ियों की विशेषता यह होती है कि वे मुख्यत: सफेद होती हैं और एक लाल बॉर्डर होता है, जिसमें ज़रदोसी का भव्य काम होता है। लाल बॉर्डर पर धारियाँ या चौख़टे बने होते हैं और यह ज़री या कढ़ाई सोने के महीन धागों से बना होती है। सोने की कढ़ाई से साड़ी पर एक आकर्षक उभार आता है। आम तौर पर, ये साड़ियाँ दुल्हन को उसके मामा की ओर से भेंट की जाती हैं। इसकी बुनाई रेशम से होती है और यह चनिया चोली-जैसी होती है।
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घाड़चोला साड़ी:
श्रेय: उत्सव फैशन
यह एक आम गुजराती परम्परा है जिसमें दुल्हन को उसके ससुराल वालों से एक घाड़चोला साड़ी शगुन में मिलती है। इन साड़ियों में सोने के धागों से ज़री के काम का चलन है। ज़री की पहले बुनाई होती है और फिर उसे बांधनी के काम के साथ मिलाया जाता है। यह विशिष्ट ज़री की जाली की शैली इस प्रकार बनायी जाती है ताकि यह 9, 12, या 52, के समूह में निम्न रूप से दिखायी दे:
हर जाली का बॉर्डर और पल्लू भी ज़री से बना होता है। प्राचीन समय में, ज़री की बुनाई के लिए सिर्फ असली सोने के धागे प्रयोग किये जाते थे। आज भी इन साड़ियों को पहनकर आप गुजराती लावण्यता से परिपूर्ण हो सकती हैं!
सोने के उपसाधक:
सोने के कुछ उपसाधक ऐसे होते हैं जो ख़ासतौर पर सिर्फ गुजराती भाव के ही होते हैं, और जिन्हें विशेष अवसरों, ख़ासकर विवाह के समय, बेहद गर्व के साथ पहना जाता है। तो जब अगली बार गुजरात जाएँ, तो अपने गहनों की पेटी को इनसे सजाना न भूलें।
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शिंका एक अद्वितीय पारम्परिक गुजराती गहना है जिसे बालों में लगाया जाता है। माँग-टीका की तरह शिंका में भी सोने की कई चेन होती हैं। डिज़ाइन के अनुसार, इस गहने पर छोटे-छोटे सोने के झुमके होते हैं जो कि पहनने पर माथे पर लटकते हैं।
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चंदन हार एक भारी सेट सोने का हार जो कि किसी भी प्रकार की वेशभूषा का सरताज बन सकता है। यह सोने की बड़ी बालियों के साथ अच्छा मेल खाता है; डैंग्लर और हूप दोनों का चलन है।
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एक और लोकप्रिय डिज़ाइन है पोचा, जिसमें एक छोर खुला लटकता है और पहनने वाले की त्वचा को छूता रहता है, जैसा कि नीचे दिख रहा है।
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गुजराती गहनों के डिज़ाइन अद्वितीय, शाही और गुजराती पोशाक के लिए विशिष्ट होते हैं। एक स्वर्ण पोंचो एक ब्रेसलेट होता है जिसमें 5 अतिरिक्त सोने की चेन रहती हैं। इन सभी को बढ़ाकर हर उँगली के लिए एक अंगूठी बनायी जाती है।
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उत्सव की गुजराती पोशाक में चार चांद लगाने के लिए एक और नाज़ुक गहना है नथनी, यानि नाक की बाली।
गुजरात में हों, तो गुजरातियों जैसा करो: सिर से पैर तक सोने से सजो और ऊपर दिखाये गये सोने के उपसाधकों से सजकर अतुल्य लावण्य में इठलाओ।