Published: 17 अगस्त 2018
पश्चिम बंगाल में प्रचलित सोने के गहनों के डिज़ाइन
बंगाली परम्पराओं में सोने का बहुत महत्त्व है और शादी, धार्मिक समारोह, और दुर्गा पूजा व काली पूजा जैसे विशेष अवसरों पर सोने के गहने पहनने का अभ्यास तो सदियों पुराना है।
आइए एक नज़र डालते हैं कुछ परम्परागत बंगाली सोने के गहनों के डिज़ाइन पर, जो आज भी प्रचलित हैं:
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टिकली
टिकली माथे के लिए बारीक नक्काशी वाला एक गहना होता है। यह एक मांगटीके जैसा दिखता है और हर पारम्परिक बंगाली दुल्हन द्वारा पहना जाता है।
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चिक
आमतौर पर चोकर के नाम से जाना जाने वाला, चिक हर बंगाली दुल्हन द्वारा पहना जाने वाला एक गले में कसा हुआ सोने का हार है। बंगाली महिलाएँ इसे दुर्गा पूजा जैसे अन्य विशेष अवसरों पर भी पहनती हैं।
Courtesy: JKS Jewels
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कान
‘कान’ शब्द का अनुवाद है ‘ईयर’। कान बंगाली महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली एक तरह की बाली है और इसका आकार मनुष्य के कान की तरह ही होता है। इसे ‘कानबाला’ भी कहते हैं, और यह सोने की पतली परतों से बना होता है।
Courtesy:Malabar gold
Courtesy:DK Basak Jewellers
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चूड़
चूड़ सोने से बना होता है और जोड़े में आता है। दावा है कि एक जोड़ा चूड़ बनाने में 40-50 ग्राम सोने का प्रयोग किया जाता है।1
Courtesy:Sujoy jewellers
Courtesy:Senco gold
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रतनचूड़
रतनचूड़ भारत में मुग़लों की बदौलत आया। यह हाथ के लिए एक नाज़ुक गहना होता है। इसमें सोने की एक अंगूठी एक सेंटरपीस से जुड़ी होती है जो पहनने वाले के हाथ के पीछे लटकती है और अंत में एक बाजूबंद से या कंगन से जुड़ी होती है।
सौजन्य: सेनको गोल्ड
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बाउटी
रोजमर्रा के लिए एकदम सही, बाउटी सोने से बना एक आधा-कटा कड़ा होता है और शादीशुदा महिलाओं का प्रिय होता है।
सौजन्य: सेनको गोल्ड
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बेलोआरी चूड़ी
यह एक प्रकार की सोने की चूड़ी होती है जिसे ‘बेलोआरी’ नाम के एक विशेष कट डिज़ाइन से बनाया जाता है और इसलिए इन चूड़ियों को बेलोआरी चूड़ी कहते हैं।
सौजन्य: सेनको गोल्ड
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सोना-जड़ा शाखा-पॉला
शंख और सोने से बनी ये चूड़ियाँ बंगाली शादियों में आमतौर पर देखी जाती हैं।
सौजन्य: सेनको गोल्ड
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बोकुल माला
इस ख़ास सोने की चेन की डिज़ाइन ‘बोकुल’ नामक एक फूल से प्रेरित है। बंगाली विवाहित महिलाएँ बोकुल माला रोज़मर्रा में पहनती हैं।
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गाला-भरी चूड़ी
इस सोने की चूड़ी को मज़बूत और टिकाऊ बनाने के लिए इसमें मोम भरा जाता है। यह भी रोज़मर्रा के लिए बंगाली महिलाओं का एक प्रिय गहना है।
पश्चिम बंगाल के सोने के गहने वहाँ की वृहद् सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिम्ब हैं। इसलिए, अधिकतर बंगाली पारम्परिक समारोहों में इनका बहुत महत्त्व होता है।