Published: 15 मई 2018
जानें दुबई में सोने की बानगी
सालों से, दुबई के सोना बाज़ारों से गहने ख़रीदने का मतलब है शुद्धता का आश्वासन, गुणवत्तापूर्ण कारीगरी और डिज़ाइन में भिन्नता। श्रेय जाना चाहिए दुबई सरकार को, जिनकी अथक सतर्कताi के कारण ख़रीददारों का व्यापार में स्पष्ट व दीर्घ-कालीन विश्वास बरक़रार है। अनिवार्य आकलन करने के अलावा, सरकारी संस्थाएँ जौहरियों को बिना बताए, अनपेक्षित रूप से, उनके पास जाते हैं और शुद्धता व कीमत के लिए उनके सामान का मूल्यांकन करते हैं।
उपभोक्ता संरक्षण की सशक्त भावना के कारण, कानून ने जौहरियों को सोने की शुद्धता की बानगी का चिह्न लिए गहने ही बेचना अनिवार्य कर दिया है। जब कोई ग्राहक शुद्धता का परिचय माँगता है, तो वे जौहरी गुणवत्ता और अनुपालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, खुशी-खुशी वह बानगी चिह्न दिखाते हैं। सामान्यत: गहने पर गढ़ी बानगी निर्माता का चिह्न व कैराटेज होता है।
दुबई में, सोना सामान्यत: 18, 21, 22 व 24 खरात में उपलब्ध होता है।
- 24के = शुद्ध सोना
- 22के = 91.67% शुद्ध सोना और 8.33% अन्य धातुओं का मिश्रधातु
- 21के = 87.5% शुद्ध सोना और 12.5% अन्य धातुओं का मिश्रधातु
- 18के = 75% शुद्ध सोना और 25% अन्य धातुओं का मिश्रधातु
दुबई में सोना कैसे प्रमाणित होता है?
दुबई में बिकने वाले सोने के गहनों की शुद्धता को बारीक़ प्रमाण-पत्र के द्वारा सुनिश्चित करता है दुबई केंद्रीय प्रयोगशाला विभाग।
आकलन की शुरुआत होती है खुदरा विक्रेताओं द्वारा स्थानीय व संघीय नियमों व विनियमों के अनुपालन से, गहनों पर चिह्नों की पर्याप्तता से, और उत्पाद की गुणवत्ता पर आश्वासन से। जैसे-जैसे निरीक्षक नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए दुकानों की जाँच करते जाते हैं, वैसे-वैसे वे अपने निष्कर्षों का लेखा बनाते जाते हैं।
स्वैच्छिक प्रमाण-पत्र डीसीएलडी के अनिवार्य निरीक्षण का पूरक है, जिसमें दुकानों की श्रेष्ठता स्तर की गुणवत्ता और विक्रय होने वाले सोने के गहनों की शुद्धता की जाँच की जाती है। आम तौर पर, अधिकारी वर्ग किसी विक्रेता की दुकान का वर्ष में कम-से-कम तीन बार निरीक्षण करते हैं।
किसे प्रामाणिकता मिलती है?
गहनों के व्यापार में सही और निष्पक्ष ऊसूलों का पालन करने वाली दुकानों को प्रमाण-पत्र दिया जाता है। बारीक़ प्रामाणिकता वाली दुकानें उस प्रमाण-पत्र को अपनी कार्य-स्थान में और अपने विज्ञापनों में प्रदर्शित कर सकती हैं। निरीक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, अनुपालन दर 98% जितना ऊँचा है, यानि सिर्फ 2% जौहरियों को घोटाला करते पाया गया। और कई बार तो ये गल्ती अनजाने में की गयी होती है। अधिकांश समस्याएँ आयातित गहनों में देखी गयी है, जिनकी शुद्धता पैकेजिंग पर घोषित की गयी शुद्धता से अलग होती है, और जिन देशों से उस गहने का स्रोत है, उन्हीं के लिए विशिष्ट होती है।
सोने की निष्पक्ष और सुरक्षित ख़रीद के लिए कुछ अन्य प्रथाएँ
अपने सोने के भरोसे का स्तर बनाए रखने के लिए दुबई के प्रयास सिर्फ गहनों की बानगी, विक्रेताओं की प्रामाणिकता, और बाज़ार में बिकने वाले गहनों के निरीक्षण तक सीमित नहीं हैं। इनके अन्य भी पहल हैं – दुबई गूड डिलीवरी (डीजीडी) और मार्केट डेलिवरेबल ब्रैंड (एमडीबी) – जिन्होंने अपनी पहुँच इतनी बढ़ा दी है कि अब परिष्करण और निर्माण की गुणवत्ता ही नहीं, बल्कि जिम्मेदारी से सामान स्रोत करना भी शामिल होगा।
यदि आपने दुबई में सोना ख़रीदा है और आप उसे भारत लाना चाह रहे हैं, तो ज़रूरी है कि आप इसे पढ़कर आवश्यक नियम व विनियम जान लें: सोना लेकर यात्रा करते समय जानने योग्य बातें।