Published: 15 सितंबर 2017
सुनहरा रंग किस चीज़ का प्रतीक है?
सोने का धन, समृद्धि, विलासिता, वैभव और शोभा के रूप में मानवीकरण अच्छी तरह से ज्ञात है और व्यापक रूप से मनाया जाता है, लेकिन सोने में इसके अलावा और भी बहुत कुछ है। यहां पर एक नज़र डालते हैं कि सुनहरा रंग किस बात का प्रतीक माना जाता है:
क्या आपने कभी सोचा है कि पहले स्थान के लिए पुरस्कार के रूप में हमेशा सोना ही क्यों दिया जाता है? इसका कारण यह है कि सोना उदारता और ज्ञान को दर्शाता है और इसे उपलब्धि और जीत का रंग माना जाता है।
सौंदर्यशास्त्र की दृष्टि से सोना पीले और भूरे रंग के करीब होता है व रोशनी, करुणा, साहस, जुनून और जादू का प्रतीक होता है।
सोना मर्दानगी और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि यह सूर्य के रंग का है। इस प्रकार, सोने में अन्य रंगों पर प्रभुत्व की भावना है।
सुनहरा रंग आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने और आपके आत्मसम्मान को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है।
सोना पहनने से आप अपने जीवन में सकारात्मकता प्राप्त कर सकते हैं। यह आपको ताकत देता है, आपके जीवन में आशावादी ऊर्जा लाता है और नकारात्मकता को दूर रखता है।
सोने में उत्कृष्ट चिकित्सकीय गुण भी हैं। यह व्यसन और अवसाद पर काबू पाने में मदद करता है।
सुनहरा रंग सभी रंगों में सबसे असाधारण है। यह चित्ताकर्षक व उष्ण होता है, और जिस भी चीज़ में इसे जोड़ा जाता है उसे ये कुछ आकर्षक बना देता है। यह इसे शादियों जैसे विशेष अवसरों के लिए एक आदर्श विकल्प बना देता है।
धर्म में सोने का गहरा अर्थ है:
ईसाई धर्म में, सोना भगवान के देवत्व का प्रतिनिधि है। यह महिमा, पवित्रता और नीतिपरायणता का प्रतीक है।
हिंदू धर्म में सोना ज्ञान, शिक्षा और ध्यान का प्रतीक है। यही कारण है कि हिंदू देवताओं को अक्सर अपने सिर के चारों ओर जीवंत, सुनहरे प्रभामंडल के साथ दिखाया जाता है।
इस्लाम में, सुनहरा जब हरे रंग के साथ मिलाया जाता है तो स्वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है।