Published: 18 मई 2018
क्रिप्टोकरेंसी क्यों सोने की जगह नहीं ले सकती?
एक आदर्श निवेश की खोज करते समय, शायद आपने ‘क्रिप्टोकरेंसी’ का नाम सुना होगा। 2017 की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाली डिजिटल परिसम्पत्तियों में से एक, क्रिप्टोकरेंसी ने विश्व में विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा के रूप में ख़ुद को स्थापित करके सुर्ख़ियों में अपनी जगह बनायी थी।
पिछले वर्ष में क्रिप्टोकरेंसी की घातीय मूल्य वृद्धि से एक बहस उठी कि क्रिप्टोकरेंसी की सोने से तुलना होनी की सम्भावना है और निवेश परिसम्पत्ति के रूप में वे उसके बदले प्रयोग भी हो सकते हैं। कुछ वित्तीय टिप्पणीकारों ने तर्क दिया सोने और क्रिप्टोकरेंसी की आपूर्ति प्रोफाइल में समानताएँ भी हैं और यह भी एक तथ्य है कि उन दोनों में से कोई भी सरकार द्वारा जारी की गयी विनिमय इकाई नहीं है। लेकिन विशेषज्ञ इस बात से एकमत नहीं हैं।
सोने के मुक़ाबले क्रिप्टोकरेंसी एक बिल्कुल अलग निवेश प्रस्ताव दर्शाते हैं। शुरु करें तो, निवेश के रूप में सोना बहुत कम अस्थिर और बहुत ज़्यादा तरल है। क्रिप्टोकरेंसी को सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक भुगतान में, प्रयोग के लिए ही बनाया गया है, जबकि सोने की मांग बहुत विविध है। एक और फर्क यह है कि सोना एक भौतिक वस्तु है जबकि क्रिप्टोकरेंसी काल्पनिक मुद्राएँ हैं, जिससे ख़रीददारों का विश्वास बढ़ता है क्योंकि एक विनियमित व पारदर्शी बाज़ार में इसे ख़रीदा-बेचा जा सकता है।
इसके अलावा, सोने का क्रय-विक्रय बाज़ार में पूरी तरह से अधिकृत और विनियमित है। हालाँकि क्रिप्टोकरेंसी के लिए वैश्विक विनिमय केंद्र हैं, लेकिन अकसर ये स्व-विनियमित होते हैं और सरकार द्वारा समर्थन-प्राप्त भी नहीं होते। 2018 के अपने केंद्र बजट में राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि, सरकार क्रिप्टोकरेंसी को भुगतान के लिए एक वैध तरीके के रूप में मान्यता नहीं देती और अवैध लेन-देन के लिए क्रिप्टो परिसम्पत्तियों के प्रयोग को ख़त्म करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
विचार करने योग्य एक और कारक यह भी है कि क्रिप्टोकरेंसी में आपस में ही बहुत प्रतिस्पर्धा है। वर्तमान में, 1,400 से ज़्यादा क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध हैं, और जबकि बिटकॉएन अब तक की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है, नयी प्रौद्योगिकी से बिट्कॉएन समेत, किसी भी क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य और उसकी आपूर्ति पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है।
इसलिए, जहाँ क्रिप्टोकरेंसी वैश्विक वित्तीय बाज़ार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, वहीं सोना अपने गहन आंतरिक आर्थिक मूल्य को बनाए रखेगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सोना एक महत्त्वपूर्ण परिसम्पत्ति है जो मुद्रास्फीति के ख़िलाफ बचाव के रूप में कार्य करती है और यह सम्पत्ति-संरक्षण व मूल्य-वृद्धि के लिए आदर्श है।
इस तथ्य से काफी तसल्ली मिली है कि 2017 में सोने के दर का ग्राफ क्रिप्टोकरेंसी के वैश्विक उछाल से अप्रभावित रहा, जिसका अर्थ यह भी है कि क्रिप्टोकरेंसी की मांग में वृद्धि सोने की मांग को प्रभावित नहीं कर सकती। नीचे दिया गया वीडियो देखने से आपको समझ आ जाएगा कि सोना व क्रिप्टोकरेंसी एक-दूसरे से भिन्न कैसे हैं।