Published: 06 फ़रवरी 2018
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में स्वर्ण के प्रयोग के कारण
स्वर्ण अपने भौतिक गुणों के कारण व्यापक स्तर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में प्रयोग के लिए एक उपयुक्त पदार्थ माना जाता है :
- यह विद्युत का उत्तम सुचालक है
- यह ताम्बा और चांदी जैसे अन्य अति सुचालक धातुओं के समान खराब या मैला नहीं होता है
- यह कोमल और लचीला होता है, जिससे आसानी से महीन तार बनाए जा सकते हैं या पतली परत में ढाला जा सकता है.
इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में स्वर्ण के अनेक प्रकार के उपयोग होते हैं, जिनमे कनेक्टरों और संपर्क बिन्दुओं पर विद्युतीय मुलम्मा के रूप में प्रयोग सबसे महत्वपूर्ण है. इसके अलावा अर्द्धचालक संकुलों (सेमीकंडक्टर पैकेजेज) की भीतर स्वर्ण बंधन तार के रूप में भी इसका उपयोग होता है. इन दो प्रयोगों के लिए स्वर्ण का सबसे अधिक उपयोग होता है.
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में स्वर्ण होता है, इसे अक्सर विद्युतीय संपर्क बिन्दुओं और कनेक्टरों पर चढ़ी परत में देखा जा सकता है. जब स्वर्ण की दो सतहों के बीच संपर्क स्थापित किया जाता है तब विद्युतीय संपर्क में बेमिसाल स्थिरता आती है, यहाँ तक कि धातु के असाधारण पतली परत से भी. क्षरण के प्रति संवेदनशील पदार्थों की सतह पर अक्सर जंग लग जाता है जो अवरोधक का काम करता है और इस तरह विद्युतीय संपर्क बाधित हो जाता है और कभी-कभी उपकरण को बर्बाद करके निष्क्रिय कर देता है.
संपर्कों और कनेक्टरों के विपरीत, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में स्वर्ण बंधन तार दिखाई नहीं देते, किन्तु प्रायः निश्चित रूप से मौजूद होते हैं. उपकरण में सेमीकंडक्टर टर्मिनल्स और धातु की पतली परत के बीच विद्युतीय संपर्क स्थापित करने के लिए बंधन तार का प्रयोग किया जाता है. चिप्स में कभी-कभी सैकड़ों तार बंधन संपर्क होते हैं, जिनमे से प्रत्येक में स्वर्ण की सूक्ष्म मात्रा का इस्तेमाल होता है.
विगत चार वर्षों में ही इन दो अनुप्रयोगों के साथ-साथ छोटी-छोटी जरूरतों के लिए इलेक्ट्रॉनिक य्द्योग में एक हज़ार टन से अधिक स्वर्ण का उपयोग किया गया है.