Published: 01 सितंबर 2017
घर पर ही सोने की जांच की जा सकती है !
1 जनवरी, 2017 को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने एक अच्छा बदलाव किया। बीआईएस ने स्वर्ण प्रमाण अंकन के लिए भारतीय मानक में संशोधन करते हुए बीआईएस लाइसेंसधारी जौहरियों के लिए आभूषणों को तीन श्रेणियों में प्रमाण अंकित करना अनिवार्य कर दिया। इस प्रकार, स्वर्ण एवं स्वर्ण आभूषण को उनकी उत्कृष्टता के अनुसार 22, 18 और 14 कैरट की श्रेणी में विभाजित किया गया है। यह दिशानिर्देश अपनी-अपनी आर्थिक क्षमता के आधार पर अलग-अलग कैरट के स्वर्ण आभूषण इच्छुक ग्राहकों के हित की रक्षा के लिए आरोपित किया गया है ।
स्वर्ण एक नर्म धातु है और यही वजह है कि इसे आम तौर पर चांदी, ताम्बा, प्लैटिनम या निकल जैसे दुसरे धातुओं के साथ मिश्रित किया जाता है। स्वर्ण की शुद्धता और इसमें मिश्रित धातु का अनुपात कैरट में मापा जाता है। 24 कैरट शुद्ध स्वर्ण होता है। एक कैरट का अर्थ एक हिस्सा शुद्ध स्वर्ण और 23 हिस्सा मिश्र धातु है, जबकि छः हिस्सा दुसरे धातुओं को 18 हिस्सा शुद्ध स्वर्ण के साथ मिलाने से 18 कैरट होता है। 24 कैरट स्वर्ण की शुद्धतम माप, वहीं छः हिस्सा दुसरे धातुओं को 18 हिस्सा शुद्ध स्वर्ण के साथ मिलाने से 18 कैरट होता है।
स्वर्ण का मूल्य तय करने के लिए इसकी उत्कृष्टता सत्यापित करना आवश्यक है। ऐसी मान्यता है कि आप एक स्वर्ण परीक्षण उपकरण से अपने घर में पड़ी स्वर्ण की कैरट जांच सकते हैं। यह उपकरण स्वर्ण की शुद्धता जानने में सहायक होता है और विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध है। इसमें एक कसौटी (टचस्टोन) और अलग-अलग बोतलों में नाइट्रिक एसिड के अलग-अलग घोल रहते हैं जिन पर 14 कैरट, 18 कैरट, 22 कैरट आदि का लेबल लगा होता है। कसौटी स्लेट के जैसा काला रंग का एक अम्लरोधी पत्थर है.
जांच के लिए क्रमवार निम्नलिखित विधि अपनानी चाहिए :
- स्वर्ण आभूषण को पत्थर पर इस प्रकार रगडें कि रगड़ की लकीर बन जाए।
- “14 कैरट एसिड” वाली बोतल से दो-तीन बूँद एसिड लकीर पर लगायें।
- अगर स्वर्ण का रंग बदल जाता है तब आपका आभूषण 14 कैरट का या उससे थोड़ा कम स्तर का है।
लेकिन रंग जस का तस रह जाता है तब ऊंची कैरट वाली बोतलों, जैसे कि 18 कैरट, 22 कैरट आदि से तब तक जांच करते रहे जब तक कि स्वर्ण का रंग नहीं बदल जाए। इससे पता चल जाएगा कि आभूषण की कैरट इस्तेमाल किये गए अंतिम कैरट-अम्ल से कम है या बराबर है।
यह जान लें कि यह एक खोजपरक जांच है। अगर जांच के नतीजे आपकी अपेक्षाओं के कम हों, तो उस स्थिति में अपने आभूषण का सही कैरट जानने के लिए सरकार द्वारा स्वीकृत किसी जौहरी के पास जाएँ।