Published: 05 दिसम्बर 2018
भारतीय विवाह में सोने का महत्व
हालांकि भारत सोने के दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, और यह देखा गया है कि भारतीय सोने के सिक्कों या बिस्कुटों के बजाय आभूषण खरीदना पसंद करते हैं। दूसरे शब्दों में, जहां सोने की भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका है, वहीं सोने के आभूषण सदियों से श्रृंगार के मुख्य रूप भी रहे हैं।
कोई भी इसे आसानी से देख-परख सकता है कि किसी भी व्यक्ति के जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव पर सोने की खरीद होती है। जीवन-यात्रा के अधिकांश संस्कारों में से कुछ अनुष्ठानिक महत्व या अन्य संस्कारों को सोने से जोड़ा जाता है, जिनमें विवाह सबसे अहम उदाहरण है।
दुनिया-भर की अनेकों संस्कृतियों में माना जाता है कि सोना सूरज का प्रतीक है। भारत में भी यह शुभ और पवित्र माना जाता है, यही वजह है कि यह शरीर और प्रतीकों यानी दोनों रूपों के लिए, विवाह से जुड़े संस्कारों और अनुष्ठानों का अभिन्न अंग है।
आइए, विवाह में सोने की प्रतीकों के रूप में प्रासंगिकता पर एक नजर डालते हैं।
भारतीय लेखक और पौराणिक कथाकार देवदत्त पटनायक ने कुछ इस अंदाज में, अपनी विवाह में भारतीय दुल्हन द्वारा पहने गए आभूषणों में सोने के महत्व को समझाया है। सोलहसिंगार की अवधारणा में भारतीय दुल्हन को सोलह अलग-अलग तरह के सोने के आभूषणों से सजाना जरूरी होता है। मंगलसूत्र जोकि सबसे महत्वपूर्ण आभूषण है, एक महिला की विवाहित स्थिति का प्रतीक है। मंगलसूत्र में सोने के दो कपनुमा पेंडैंट एक धागे में पिरोए होते हैं। कप पोषण का प्रतीक माने जाते हैं — जोकि दोनों भागीदारों यानी एक-दूसरे और दोनों के परिवारों, के लिए विवाह के साझे उद्देश्य का प्रतीक स्वरूप है। यह उनके परिवारों द्वारा दूल्हा और दुल्हन को उपहार-स्वरूप दिया जाता है और यह उस जोड़े को यह याद दिलाने का काम करता है कि उनके परस्पर मिलन के लिए प्रचुरता और शक्ति के साथ, उन्हें सोने की तरह शुद्ध और लचीला होना होगा।
नई यात्रा के शुभारंभ के लिए शुभ के प्रतीक के रूप में और संपत्ति के रूप में भी सोना आमतौर पर नए विवाहित जोड़े को उपहार में दिया जाता है।
इसकी शुभता के कारण ही विवाह की कई रस्मों में सोना अनिवार्य माना गया है।
यदि इस पर व्यावहारिक नजरिए से गौर किया जाए, तो पाएंगे कि यह उतना ही महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि सोना तरल मुद्रा की तरह ही है। नतीजतन, सोने के आभूषण की खरीद को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, साथ ही भविष्य के लिए पैसे बचाने के साधन के रूप में भी देखा जाता है। यही वजह है कि सोना भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है और किसी के जीवन के महत्वपूर्ण अवसर पर खरीदा जाता है, इनमें विवाह की खरीदारी सबसे बड़ी और भव्य खरीद मानी जाती है।