Published: 04 सितंबर 2017
क्या पृथ्वी को स्वर्ण के आच्छादित करना संभव है ?
सम्पूर्ण पृथ्वी को स्वर्ण से आच्छादित करने की बात संभवतः प्राचीन कुलीन वर्ग की आकांक्षा प्रतीत होती है जिनका जीवन अत्यधिक धन-दौलत में सराबोर हुआ करता था. तथापि, हम जानते हैं कि यह बहुमूल्य धातु अत्यंत लचीला होता है और इसे पीट कर अत्यधिक पतली चादर बनायी जा सकती है.
इसलिए कुछ देर के लिए हमें अपने अनुमानों से अलग कुछ वास्तविक विन्दुओं पर गौर करना चाहिए, कि क्या सचमुच यह संभव है.
इसे समझने के लिए निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर ढूंढना ज़रूरी है :
1. हमारी पृथ्वी पर कितना स्वर्ण उपलब्ध है?पृथ्वी पर स्वर्ण कहाँ से आया और क्यों विद्यमान है, इस विषय में अनेक सिद्धांत है. कुछ विशेषज्ञों के अनुसार पृथ्वी पर जितना भी स्वर्ण है वह सारा का सारा विशाल उल्कापातों के माध्यम से पृथ्वी के निर्माण की आरंभिक अवस्था में बाहरी अन्तरिक्ष से आया था. वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पृथ्वी के निर्माण के समय से ही स्वर्ण अपने स्वरुप में विद्यमान था. तथापि, हमारे लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि स्वर्ण कहाँ से आया, बल्कि हमारे काम की बात यह है कि भौतिक रूप में हमारे लिए कितना स्वर्ण उपलब्ध है. मनी मेटल एक्सचेंज1 में छपे एक आलेख के अनुसार 1493 से लेकर 2016 तक पूरे विश्व में कुल 1,73,000 मीट्रिक टन स्वर्ण का उत्खनन हुआ है. इसमें से 91% का उत्खनन विगत 66 वर्षों के दौरान किया गया है.
2. पृथ्वी का तल-क्षेत्रफल कितना है ?आकाश गंगा में पृथ्वी पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है. इसका आकार हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह, बृहस्पति के आकार के 10% से भी कम है. नासा के अर्थ फैक्ट शीट के अनुसार पृथ्वी की त्रिज्या 6,371 किलोमीटर लम्बी है और इसका तल-क्षेत्रफल 510.1 मिलियन वर्ग किलोमीटर है.
3. पृथ्वी को स्वर्ण से आच्छादित करने के लिए स्वर्ण की कितनी मोटी परत की जरूरत होगी ?उपर्युक्त आंकड़ों और कुछ (अपेक्षाकृत) साधारण गणित के आधार पर हिसाब लगाया जा सकता है कि पूरी पृथ्वी पर स्वर्ण की परत चढाने के लिए स्वर्ण की कितनी पतली चादर बनायी जा सकती है. विगत 500 वर्षों में उत्खनित सम्पूर्ण स्वर्ण को लिया जाए तो इसकी मोटाई 0.01757 नैनोमीटर होगी, यानी मनुष्य के बाल की औसत मोटाई का 1% से भी कम. खेद की बात यह है कि अमेरिकी प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के अनुसार, स्वर्ण को 180 नैनोमीटर से अधिक पतला नहीं किया जा सकता.
इस प्रकार से, जब तक विज्ञान स्वर्ण को और अधिक पतला करने की विधि नहीं ढूंढ लेता, तब तक हमें कुछ और वर्ष प्रतीक्षा करनी होगी.