Published: 14 अगस्त 2018
दुनिया के सोने के जगन्नाथ यानी बादशाह
पूरी दुनिया में, बाजार की अस्थिरताओं और तमाम भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच भी सोना एक सबसे सुरक्षित भंडारण संपत्ति के रूप में प्रतिष्ठित है। सोने में महानतम आर्थिक, सौंदर्यात्मक और भावनात्मक मूल्य हैं जो किसी भी तरह की सीमाओं और समय के बंधनों के पार है। सोना पारंपरिक और वैकल्पिक संपत्तियों से अलग खास माना जाता है और इसे बाजार के जोखिमों से बचाव का साधन भी माना जाता है।
इसीलिए 2008 से केंद्रीय बैंकों ने स्वर्ण भंडार में वृद्धि की है, और आज सोने की सालाना मांग का महत्वपूर्ण हिस्सा यहां मौजूद है। निम्नलिखित दो मुख्य कारकों ने इस परिघटना को जन्म दिया है:
- केंद्रीय बैंक स्वर्ण अनुबंध का कार्यान्वयन (1999) और नवीनीकरण (2014)
- वित्तीय संकट के बाद उभरते बाजार के चलते केंद्रीय बैंकों द्वारा स्वर्ण में विदेशी भंडार का विविधीकरण।
नीचे दुनिया के शीर्ष 10 केंद्रीय बैंकों की सूची दी गई है जिनके पास स्वर्ण का सबसे अधिक भंडारण है (जून 2018 तक):
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भारत
भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, और इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इसे इस सूची में एक जगह मिली है। अभी भारतीय रिज़र्व बैंक में 560.3 टन सोना है, जो इसके विदेशी मुद्रा भंडार का 5.5% है।
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नीदरलैंड
612.5 टन सोने के भंडार के साथ, यह छोटा-सा यूरोपीय देश 9वें स्थान पर है। इसका स्वर्ण भंडार कुल विदेशी मुद्रा स्वर्ण भंडार का 68.2% है। नीदरलैंड अभी हाल ही में अमेरिका से बड़ी मात्रा में अपने स्वर्ण भंडार को स्वदेश लेकर आया है।
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जापान
जापान यानी तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था 765.2 टन सोने के साथ 8वां सबसे बड़ा भंडारक है। यह इसके कुल विदेशी मुद्रा भंडार का छोटा-सा हिस्सा यानी 2.5% ही है।
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स्विट्ज़रलैंड
स्विट्ज़रलैंड सबसे अधिक प्रति व्यक्ति सोने के स्वामित्व के साथ सबसे ऊपर है। इसका मौजूदा भंडारण 1040 टन है, जो पिछले कई सालों से जस-का-तस है। यह सोना इसके कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 5.3% है।
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चीन
चीन अपने 1842.6 टन के कुल भंडारण के साथ 2018 में एक पायदान नीचे उतरा है। यह इसके कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 2.4% है और यह शीर्ष के 10 देशों में सबसे कम है। चूंकि चीनी रेनमिन्बी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) आरक्षित मुद्राओं के हिस्से के रूप में डॉलर, पाउंड, यूरो और येन में शामिल है, इसलिए इसके स्वर्ण भंडार के बढ़ने की उम्मीद है।
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रूस
2017 में रूस ने भारी मात्रा में यानी 223.5 टन सोना खरीदा था, जिससे वह चीन की जगह 5वें स्थान पर आ गया। यह लगातार तीसरा साल है, और इसकी सोने की खरीद 200 टन से अधिक हो गई है। इसके चलते रूस के पास कुल 190 9 .8 टन सोना है, जिसका मूल्य 17.6% विदेशी मुद्रा भंडार है।
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फ्रांस
फ्रांस अपने 2436 टन सोने के साथ चौथे स्थान पर है, लेकिन फ्रांस का यह भंडार हाल ही में गति में नहीं रह गया है। फ्रांस ने सोने की बिकवाली बंद कर दी है और विदेशी तिजोरियों से अपने भंडारण स्वदेश मंगाने की प्रक्रिया में है। इसका कुल स्वर्ण भंडार विदेशी मुद्रा भंडार का 63.9% है।
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इटली
फ्रांस से जरा-सा ही ज्यादा, इटली का सोने का भंडार 2451.8 टन है। पिछले कुछ सालों इसकी मजबूत पकड़ जस-की-तस है। सोने की मात्रा इटली के कुल विदेशी मुद्रा भंडार की 67.9% है।
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जर्मनी
जर्मनी के पास 3371 टन सोना है, जिसमें से अधिकांश बिकवाली है। फ्रांस और नीदरलैंड की तरह, जर्मनी अपने सोने को वापस मंगाने की प्रक्रिया में है, और संभावना है कि इसका 70.6% विदेशी मुद्रा भंडार 2020 तक अधिपत्य सीमा में होगा।
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संयुक्त राज्य अमेरिका
8133.5 टन बड़े भंडारण के साथ, संयुक्त राज्य अमेरिका के पास इस सूची के अगले तीन देशों - जर्मनी, इटली और फ्रांस के कुल सोने के बराबर का सोना है। इसका स्वर्ण भंडार विदेशी मुद्रा भंडार का 75.2% है, जोकि जाकिस्तान (88%) के बाद दूसरे नंबर पर है। इसका अधिकांश सोना फोर्ट नॉक्स, केंटुकी में विशेष कोषों में भंडारित किया जाता है, जिसका कुल मूल्य 261 बिलियन अमेरिकी डॉलर है!
सोने की मांग सदाबहार है। भारत में, सोने की मांग का अध्ययन करना बहुत ही दिलचस्प है, विशेषकर सोने को खरीदने के नए तरीकों के आगमन के साथ - यानी डिजिटल गोल्ड से गोल्ड इटीएफ तक।