Published: 07 जुलाई 2017
2017 में सोने में कैसे निवेश करें?
वर्ष 2016 ने हमें अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए तैयार रहना सिखाया। चाहे वह ब्रेक्सिट, नोटबंदी का कदम या POTUS के रूप में ट्रम्प हो, वास्तविकता व्यापक अपेक्षाओं से बहुत दूर थी। 2017 निश्चित रूप से स्वयं अपने अवसर और चुनौतियाँ पेश करेगा, तो ऐसे मैं एक आदर्श निवेश क्या हो सकता है?
यहाँ कुछ विकल्प दिए गए हैं जिनपर आप अच्छी तरह से संतुलित निवेश पोर्टफ़ोलियो बनाने के बारे में सोच सकते हैं, जिसमें सोने को एक ऐसी बहुमूल्य चीज़ के रूप में शामिल किया गया है जो संदेह के माहौल के बावजूद आपकी संपत्ति को सुरक्षित रखती है और उसे बढ़ाती है।
सोने के सिक्के
परिसंपत्ति के रूप में सोने के सिक्कों के प्रति आकर्षण, इसकी असीमित मात्रा और अवधियों में खरीद की आसानी, नकदीकरण की आसानी और लचीलेपन की वजह से होता है। सोने के सिक्कों को आसानी से कभी भी जेवर के रूप में बिना किसी मेकिंग चार्ज के बदला जा सकता है।
इस धातु की लोकप्रियता को देखते हुए, भारत सरकार ने भारतीय स्वर्ण सिक्का प्रस्तुत किया है – जो एकमात्र ऐसा सोने का सिक्का है जिसपर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का हॉलमार्क मौजूद है। सुरक्षा और आसान पुनर्चक्रण के लिए जालसाज़ी-विरोधी विशेषताओं और छेड़छाड़ विरोधी पैकेजिंग के साथ, यह 24-कैरट शुद्धता और 999 खरेपन के साथ आता है। यह सिक्का, जिससे आपके निवेश पोर्टफ़ोलियो में एक बहुमूल्य बढ़ोतरी होती है, एमएमटीसी के नामित आउटलेट्स या निर्धारित बॅंक शाखाओं से, 5, 10 या 20 ग्राम के मूल्यवर्गों में, खरीदा जा सकता है।
सोने के आभूषण
सोने के आभूषण केवल फैशन स्टेटमेंट ही नही, बल्कि भारत में उनका बड़ा सांस्कृतिक और रस्मी महत्व भी है। यह संजोकर रखी जाने वाली विरासत है जो परिवार की विरासत को कायम रखने के लिए पीढ़ी-दर-पीढ़ी सौंपी जाती है। किसी धार्मिक या उत्सव के अवसर पर किसी को उपहार देने के लिए भी इसे शुभ संकेत माना जाता है।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स के यूनिट्स
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के यूनिट्स में निवेश करना शेयर बाज़ार में किसी कंपनी के शेयरों में निवेश करने के समान है। जैसे यह फंड बुनियादी कंपनी में मालिकाना हिस्सेदारी दर्शाता है, ETF का प्रत्येक यूनिट, आप जिसके मालिक हैं, वह 0.5 से 1 ग्राम सोने के बराबर होता है। यूनिट का मूल्य भौतिक सोने के मूल्यों से जुड़ा होता है और बाज़ार की परिस्थितियों और सोने की माँग और आपूर्ति पर निर्भर करते हुए बदल सकता है।
आपको ETFs में निवेश करने पर विचार क्यों करना चाहिए, इसके कुछ प्रमुख कारण हैं:
- पारदर्शी और विनियमित मूल्य-निर्धारण
- आसान संग्रहण क्योंकि आप अभौतिक रूप में सोना रखते हैं
- आसान नकदी; ETFs स्टॉक एक्सचेंजों में बेचे जा सकते हैं
- गुणवत्ता आश्वासन क्योंकि कानून की ओर से ज़रूरी है कि मूलभूत सोने का खरापन 99.5% या उससे अधिक हो
- 0.5 ग्राम के छोटे यूनिट्स में भी खरीदा जा सकता है, जो इसे छोटे निवेशों के लिए भी आदर्श बनाता है
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स
एक गोल्ड म्यूचुअल फंड एक सामूहिक निवेश योजना होती है जिसमें म्यूचुअल फंड कंपनी बड़ी संख्या में निवेशकों से एकत्रित की गई राशि को गोल्ड ETFs में निवेश करती है । जब आप सीधे ETFs में निवेश कर सकते हैं तो आपको गोल्ड फंड्स के यूनिट्स क्यों खरीदने चाहिए? जैसे सीधे शेयर खरीदने की तुलना में इक्विटी-संबंधी म्यूचुअल फंड ज़्यादा सुरक्षित और आसान होता है, इसी प्रकार एक गोल्ड म्यूचुअल फंड उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, जो किसी पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा सक्रिय रूप से अपने सोने के निवेश पोर्टफ़ोलियो का प्रबंधन पसंद करते हैं।
कुछ और बातें जो आपको गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के बारे में जानने की ज़रूरत है, वे हैं:
- आप गोल्ड म्यूचुयल फंड आसानी से खरीद सकते हैं, भले ही आपके पास डीमैट (Demat) खाता नहीं हो
- सोने में नियमित और परेशानी-मुक्त निवेश सुनिश्चित करने के लिए आप SIP का चुनाव कर सकते हैं
- आपको पेशेवर प्रबंधक की निपुणता का लाभ उठाने का अवसर मिलता है जो कम नकदी के जोखिम को घटाता है
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स
एक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) एक ऋण दस्तावेज़ होता है जो भारत सरकार द्वारा सोने की प्रचलित कीमत पर जारी किया जाता है। इन बॉन्ड्स की परिपक्वता अवधि 8 वर्ष होती है, जिसमें 5वें, 7वें और 8वें वर्ष में निकास के विकल्प मौजूद होते हैं। निवेशकों को निवेश के प्रारंभिक मूल्य पर वार्षिक 2.75% की निर्धारित दर पर ब्याज (प्रत्येक 6 महीने बाद देय) मिलेगा।
रीडेम्पशन उस समय बाज़ार में प्रचलित सोने की कीमत पर होता है, इसलिए यह किसी भी वृद्धि से होने वाले लाभ का अवसर प्रदान करता है। मान लीजिए, जब बाज़ार में कीमत ₹3,000 प्रति ग्राम थी, तब आपने ₹30,000 के लिए SGB के 10 यूनिट्स खरीदे। रीडेम्पशन के समय, सोने की कीमत ₹9,000 प्रति ग्राम बढ़ चुकी है। तो, आप उसे ₹90,000 पर बेचते हैं, जिससे आपको ₹60,000 का कुल लाभ होता है।
हालाँकि न्यूनतम अवधि इसे मध्य-अवधि निवेश बनाती है, यहाँ बताया गया है कि आपको उसकी तुलना किससे करनी चाहिए:
- यह भारत सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए वह जोखिम-मुक्त वापसी का अवसर प्रदान करता है
- उसे डीमैट (Demat) या भौतिक कागज़ी रूप में रखा जाता है। चूँकि सोना भौतिक रूप में नहीं रखा जाता, इसलिए निवेशक के लिए शुद्धता या सुरक्षा का कोई जोखिम और संग्रहण का कोई खर्च नहीं होता
- निर्धारित दर पर ब्याज, कीमतें कम होने के कारण सोने के अन्य निवेशों पर नुकसान के प्रभावों को घटाता है
- SGB स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध किया जाता है। यदि निवेशक 5 वर्ष से पहले निकलना चाहते हैं, तो वे ऐसा तभी कर सकते हैं, यदि मात्रा अच्छी है
- वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने के लिए ज़मानत के रूप में उनका उपयोग किया जा सकता है।
संक्षेप में, यहाँ बताया गया है कि इस वर्ष आप सोने में अपने निवेश की योजना कैसे बना सकते हैं:
यदि आप सक्रिय और पेशेवर प्रबंधन चाहते हैं तो विभिन्न गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में से चुनें |
यदि गारंटीकृत ब्याज दर आपके निवेश पोर्टफ़ोलियो को मज़बूत बनाएगी तो 2017 सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड इशू खुलने की प्रतीक्षा करें और विश्व की सबसे पसंदीदा बहुमूल्य धातु अर्जित करें |